पितृ दोष एक ऐसी समस्या है जो अक्सर लोगों के जीवन में कई परेशानियों का कारण बन सकती है। यह दोष तब उत्पन्न होता है जब हमारे पूर्वजों की आत्मा को किसी वजह से शांति न मिली हो। ऐसे में वो अपने वंशजों को परेशान करने लगते हैं और उनके जीवन में भी कई समस्याएं होने लगती हैं। पितृ दोष के कारण व्यक्ति के जीवन में आर्थिक हानि, पारिवारिक समस्याएं या सेहत से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। ऐसे में आपको कुछ विशेष उपाय करने की सलाह दी जाती है। ऐसे ही उपायों में से एक है हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) के दिन नांदीमुख श्राद्ध करना। हरियाली अमावस्या एक ऐसा अवसर माना जाता है जब हम अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा और श्राद्ध कर सकते हैं।
उन्हीं में से इस दिन पितृ दोष को दूर करने के लिए नान्दीमुख श्राद्ध करना विशेष रूप से लाभदायक माना जाता है। नान्दीमुख श्राद्ध में हम अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूजा और श्राद्ध करते हैं। यही नहीं पूर्वजों की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें हरियाली अमावस्या के दिन किए गए नान्दीमुख श्राद्ध से कैसे पितृ दोषों से मुक्ति मिल सकती है।
नान्दीमुख श्राद्ध क्यों किया जाता है?
नान्दीमुख श्राद्ध को किसी भी शुभ काम को करने से पहले करना जरूरी माना जाता है और ऐसा कहा जाता है कि नंदी का अर्थ है आनंद और मुख का अर्थ है मुख या आरंभ। इसका तात्पर्य यह हुआ कि किसी भी सुखद काम के आरंभ से पहले पितरों को याद करना जरूरी माना जाता है और उनके निमित्त तर्पण करना भी शुभ होता है। नान्दीमुख श्राद्ध को मृत आत्माओं के श्राद्ध से अलग रूप में देखा जाता है और यह किसी काम की शुभता के लिए किया जाता है।
कई बार इस श्राद्ध का मतलब मृत पूर्वजों को आमंत्रण देना भी होता है। ऐसा कहा जाता है कि नान्दीमुख श्राद्ध करने से किसी भी काम की सफलता के लिए पितरों का आशीर्वाद मिलता है। इससे सभी शुभ काम बिना किसी बाधा के संपन्न हो सकते हैं।
हरियाली अमावस्या पर नान्दीमुख श्राद्ध करने का महत्व
हरियाली अमावस्या पर नान्दीमुख श्राद्ध करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान पितरों की शांति के लिए पूजा-पाठ किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन नान्दीमुख श्राद्ध करने से कई पीढ़ियों से चले आ रहे पितृ दोषों से मुक्ति मिल सकती है और घर में आने वाली समस्याएं कम हो सकती हैं। इस दिन नांदीमुख श्राद्ध में पितरों को आमंत्रित करके उनका आशीर्वाद लिया जाता है और सभी कामों को बिना किसी बाधा के संपन्न करने का आशीर्वाद लिया जाता है।
हरियाली अमावस्या के दिन नांदीमुख श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और उनकी आत्मा को शांति मिलती है। यही नहीं इससे घर में पितरों की कृपा दृष्टि बनी रहती है। इसी वजह से हरियाली तीज को श्राद्ध कर्मों के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
इसे जरूर पढ़ें: हरियाली अमावस्या कब है, जानें पूजा के साथ स्नान-दान का मुहूर्त और महत्व
हरियाली अमावस्या के दिन पितृ दोष मुक्ति के लिए क्या करें
यदि आपके घर में किसी न किसी वजह से पितृ दोष है और इसकी वजह से अशांति हो रही है तो आपको हरियाली अमावस्या के दिन कुछ विशेष उपाय करने की सलाह दी जाती है। आइए जानें उन उपायों के बारे में-
पितरों के निमित्त तर्पण करें
यदि आपके घर में किसी भी तरह का पितृ दोष है तो हरियाली अमावस्या के दिन आप पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण जरूर करें और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें। इससे आपका पितृ दोष दूर हो सकता है और आपके जीवन में सुख-शांति आ सकती है। इस दिन आप तर्पण करने के साथ पितरों के लिए पिंड दान भी कर सकती हैं। यदि आप किसी भी अमावस्या तिथि में पिंड दान करें तो इसके शुभ फल मिलने के साथ दोषों से मुक्ति मिल सकती है। इस दिन आप तर्पण के साथ यदि हवन करेंगी तो यह भी बहुत शुभ माना जाता है और पितृ दोषों से मुक्ति के रास्ते खुल सकते हैं।
हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षारोपण करें
पितृ दोषों से मुक्ति के लिए हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षारोपण करना भी शुभ माना जाता है, जिससे पितरों की आत्मा को शांति मिल सकती है। यदि आप इस दिन किसी मंदिर के पास पीपल, शमी या तुलसी का पौधा लगाएं तो आपके लिए बहुत शुभ माना जाता है। साथ ही, अमावस्या तिथि के दिन पीपल के वृक्ष के पास दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है।
ब्राह्मण को भोजन कराएं
यदि आप पितृ दोष मुक्ति के लिए हरियाली अमावस्या के दिन ब्राह्मण को भोजन कराएंगी तो आपको इसके भी शुभ फल मिलते हैं। यदि आपके जीवन में पितृ दोष बहुत सी समस्याओं का कारण बन रहा है और कुंडली में भी पितृ दोष के योग हैं तो हरियाली अमावस्या के दिन खीर के साथ आठ पूड़ियां बनाएं और मंदिर में पंडित को खिलाएं तो आपको कई तरह के पितृ दोषों से मुक्ति मिल सकती है। इस उपाय से आपकी आठ पीढ़ियों से चले आ रहे पितृ दोषों से बाहर आने में मदद मिलती है।
यदि आप हरियाली अमावस्या के दिन यहां बताए उपायों को आजमाने के साथ नान्दीमुख श्राद्ध करती हैं तो आपको पितृ दोषों से बाहर आने में मदद मिल सकती है।
आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Images:freepik.com
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों