पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज जिसे आप पीसीओडी के नाम से जानती हैं एक आम समस्या है जिससे आजकल बहुत सारी लड़कियां और महिलाएं परेशान रहती है। ऐसा उन महिलाओं में होता है जिनके हार्मोन बैलेंस से बाहर हो जाते है। इससे आपके पीरियड्स में प्रॉब्लम होने लगती है और प्रेग्नेंसी में मुश्किलें पैदा हो सकती है। यह समस्या महिलाओं में हॉर्मोनल असंतुलन, मोटापा या स्ट्रेस के कारण हो सकती है। क्या आप जानती हैं कि बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान की बेटी सारा अली खान भी पीसीओडी से गस्त थी।
जी हां बॉलीवुड में जल्दी ही फिल्म केदारनाथ से डेब्यू करने जा रही हैं सारा ने हाल में ही यह कहकर सबको चौंका दिया कि वह कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दिनों में 96 किलो की थीं और उनके लिए वजन घटाना इसलिए संभव नहीं हो पा रहा था क्योंकि उन्हें PCOD नाम की बीमारी है।
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सारा ने एक टॉक शो ये बात बताई कि उन्हें पीसीओडी यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज है। जिसके कारण वह 96 किलो की हो गईं थीं। सारा ने कहा, 'मैं 96 किलो की थी और मुझे पीसीओडी था, अब भी है, उसकी वजह से बहुत वजन बढ़ गया था और मेरे लिए वजन कम करना भी बहुत मुश्किल हो रहा था।' एक आंकड़े के अनुसार, भारत में हर 10 में से 1 लड़की इस बीमारी का शिकार हो चुकी है। पीसीओडी को पीसीओएस यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम भी कहा जाता है।
आखिर क्या है पीसीओडी?
पीसीओडी एक ऐसी बीमारी है जो आजकल महिलाओं में बेहद ही आम पाई जाती है। पीसीओडी में, हार्मोनल असंतुलन के कारण ओवरी में छोटी-छोटी गांठ या मल्टीपल सिस्ट बन जाते हैं। जिससे बॉडी मेल हार्मोन की मात्रा बढ़ने लगती है जिसके कारण मुंहासे और चेहरे के बाल बढ़ने लगते हैं। इस समस्या के चलते लड़कियां को पीरियड्स में भी कई तरह की प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता है। कहा जाता है कि पीसीओडी का सबसे बड़ा कारण आजकल की व्यस्त और अन्हेल्दी लाइफस्टाइल है। बालों की असामान्य वृद्धि से लेकर वजन बढ़ने तक बहुत सारी चुनौतियों का समाना करना पड़ता है, यानी इस बीमारी के बहुत सारे साइड इफेक्ट हैं।
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पीसीओडी के लक्षण
पीरियड्स के शुरू होने पर इसके लक्षण दिखने लगते है। पीसीओडी के लक्षण सभी में अलग-अलग प्रकार के और ज्यादा या कम हो सकते है। अनियमित पीरियड्स इसका आम लक्षण है। यानि किसी को पीरियड कम होते है, किसी को होना बंद हो जाते है। किसी को हैवी ब्लीडिंग होती है। इसके कारण महिलाओं में कुछ विशेष पुरुषों वाले लक्षण दिख सकते है। जैसे चेहरे, चेस्ट, पेट, हाथ या पैरों की अंगुलियों पर अधिक बाल आना।
इसके अलावा आवाज भारी होना, चेहरे पर फुंसियां होना, वजन बढ़ना, कोशिश करने के बावजूद वजन कम ना होना, पेट के निचले हिस्से में दर्द, टेंशन या डिप्रेशन आदि होना तथा मां नहीं बन सकना या बार-बार गर्भपात होना भी पीसीओडी के लक्षण हो सकते है। इसके कारण त्वचा पर मस्से जैसे उभार आदि भी नजर आ सकते है। ऐसे कोई भी लक्षण दिखने पर चेकअप जरूर करवा लेना चाहिए। पिछले 5 से 8 सालों में यह बीमारी तेजी से बढ़ी है। खासकर मोटापे का शिकार हो रही लड़कियां तेजी से इसकी चपेट में आ रही हैं। एक्सरसाइज की कमी, फिजिकल एक्टिविटी कम होना और डाइट से जुड़ी गलत आदतों के कारण पीसीओडी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
पीसीओडी को कंट्रोल में करने के टिप्स
अगर अपनी जीवनशैली में बदलाव लाया जाए तो इस समस्या को होने से रोका जा सकता है। सही डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज, पर्याप्त नींद लेकर आप खुद को हेल्दी भी रखें इससे आपकी प्रजनन क्षमता में भी सुधार आता है। जी हां पीसीओडी में जिन महिलाओं का वजन ज्यादा होता है उन्हें फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाने की सलाह दी जाती है। तेज चलने वाली एक्सरसाइज जैसे ब्रिस्क वॉक, जॉगिंग करने या योगासन आदि करने से वजन कम होकर इसमें आराम मिलता है। इसके अलावा खाने पीने में सावधानी रखने की सलाह दी जाती है। तेज मिर्च मसाले वाले, तला हुआ, अधिक चिकनाई वाला खाना नहीं खाना चाहिए। इसकी बजाय फल, बीन्स, बादाम, अखरोट आदि नट्स, हरी सब्जी, चोकर युक्त आटा आदि फाइबर वाला खाना फायदेमंद साबित होता है।
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