एक महिला होने के नाते भले ही किचन में खाना बनाना आपका रोज का काम हो, लेकिन फिर भी किचन में जाते वक्त आपको काफी सुरक्षा और सावधानी बरतने की जरूरत होती है। क्योंकि किचन एक ऐसी जगह है जहां आपको गैस, गर्म बर्तन, खौलते हुए पानी और उबलती हुई चीजों का सीधे तौर पर सामना करना पड़ता है। कभी कभी हम किचन में काम करते वक्त काफी जल्दी में होते हैं और इसका खामियाजा हमें स्किन बर्न के रूप में भुगतना पड़ता है। किचन में काम करते वक्त जब कुछ लोगों की स्किन बर्न हो जाती है तो उन्हें पता हीं नहीं होता है कि उन्हें मौके पर क्या करना चाहिए। इस अभाव के कारण कभी कभी स्किन का जलना आगे चलकर गंभीर रूप ले लेता है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे प्रभावी तरीके बताएंगे जिन्हें आपको पता होना चाहिए और इन्हें अपनाकर आज स्किन बर्न की समस्या से बच भी सकते हैं। तो आइए जानते हैं क्या हैं ये—
स्किन जलने पर तुरंत करें ये काम
चाहे आपके शरीर का कोई भी हिस्सा जला हो, सबसे पहले उस जगह पर ठंडा पानी डालें। अगर आपके पास ठंडा पानी नहीं है तो नल के नीचे हाथ लगा दें और तब तक सामने मौजूद दूसरे व्यक्ति से ठंडा पानी लाने को कहें और इसका प्रयोग करें। आइस भी स्किन बर्न से निजात दिलाने का कारगार तरीका है। अगर आप जले हुए स्थान पर तुरंत बर्फ रख देंगे तो आप गंभीर परिणाम से बच सकते हैं साथ ही इससे छाले भी नहीं होते हैं।
कुछ लोग कपड़े या रूई पर दवा लगाकर इससे जली हुई स्किन को ढक देते हैं। ऐसा करने की भूल कभी न करें, क्योंकि यह स्किन पर चिपक जाती हैं। जली हुई स्किन को हमेशा खुला और हवा के संपर्क में रखनाचाहिए। आलू के छिलकों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो स्किन को ठंडक पहुंचाने का काम करते हैं। स्किन के जलने पर अगर तुरंत आलू के छिलके रख दिए जाएं तो घाव नहीं बनता है। यदि जलने वाली जगह पर आलू को छिलकों को हल्के हाथों से मला जाए तो भी काफी आराम मिलता है। यदि आपके घर में नारियल या बादाम का तेल है तो इसे भी आप जली हुई जगह पर लगा सकते हैं। यह छाले और घाव बनने से रोकते हैं।
ये होना चाहिए आपका अगला कदम
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हमारी स्किन जलने की तीन श्रेणीयां होती है। फर्स्ट डिग्री, सेकेंड डिग्री और थर्ड डिग्री। इन तीनों श्रेणियों के लक्षण और उपाय अलग अलग होते हैं। थर्ड डिग्री वह स्थिति होती है जब स्किन के जलने पर घाव पर बन जाए और तुरंत संवेदनशील जगह पर फफोले उठ आएं। ऐसी स्थिति में आपको जली हुई जगह पर तुरंत ठंडा पानी डाल कर बिना देरी के डॉक्टर से मिलना चाहिए। अगर आप किसी स्पेशलिस्ट को नहीं जानते हैं या वह आपकी जगह से दूर हैं तो अपने आसपास के किसी भी डॉक्टर को दिखाएं। वह शुरुआत में ही स्थिति को कंट्रोल कर लेंगे। जबकि फर्स्ट डिग्री और सेकेंड डिग्री का जलना वह स्थिति होती है जब खाना बनाते वक्त हाथ गर्म कूकर पर लग जाए, रोटी बनाते वक्त उंगली जल जाए या छौंका लगाते वक्त गर्म तेल के छींटे स्किन पर लग जाएं। इन परिस्थितियों में आप उपरोक्त बताएं गए सुझावों को अपना सकते हैं। लेकिन यदि आपको दर्द ज्यादा हो या स्थिति गंभीर दिखे तो तुरंत अच्छे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इससे आप घाव और फफोलो से बच सकते हैं।
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