कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल आजकल खूब चलन में है.. चश्में के विकल्प के रूप में जहां लोग इसे अधिक सुविधाजनक माना रहे है। वहीं आंखो को अलग रूप देने के लिए महिलाएं तरह-तरह के रंगीन कॉन्टैक्ट लेंस लगा रही हैं। देखा जाए तो अब काफी हद तक इसका प्रयोग मेकअप प्रोडक्ट्स के तौर पर होने लगा है। अगर आप भी फैशन के लिए कॉन्टैक्ट लेंस लगाना पसंद करती हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए है।
दरअसल, कॉन्टैक्ट लेंस का प्रयोग जितना आसान लगता है, वहीं सही रख-रखाव न हो तो इसके दुष्प्रभाव उतने ही घातक हो सकते हैं। एक्सपर्ट्स की माने तो लंबे समय तक कॉन्टैक्ट लेंस के प्रयोग से आंखो में इन्फेक्शन से लेकर कई गंभीर समस्याएं (side effects of wearing contact lenses) हो सकती हैं। इस आर्टिकल में आई कैन फाउंडेशन की चेयरपर्सन और नेत्र रोग विशेषज्ञ अनुरिता वधावन से हम जानेंगे कि कॉन्टैक्ट लेंस के इस्तेमाल से किस तरह की समस्याएं पेश आ सकती हैं और इन समस्याओं से किस तरह से बचाव किया जा सकता है।
कॉन्टैक्ट लेंस के नुकसान (side effects of wearing contact lenses)
नेत्र रोग विशेषज्ञ अनुरिता वधावन की माने तो कॉन्टैक्ट लेंस लगाने के लिए हाथों का इस्तेमाल करना होता है, ऐसे में संक्रमण की संभावनाएं काफी हद तक बढ़ जाती है। इसके अलावा सही रख-रखाव न किया जाए तो भी लेंस आपके आंखों पर दुष्प्रभाव डाल सकते हैं। चलिए अब एक-एक करके इन सभी दुष्प्रभावों के बारे में जानते हैं।
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आंखों में संक्रमण (Eyes infection)
कॉन्टैक्ट लेंस के प्रयोग में जरा भी लापरवाही संक्रमण की वजह बन सकती है। दरअसल, कॉन्टैक्ट लेंस पर अक्सर कई तरह के संक्रामक बैक्टीरिया और वायरस जमा हो जाते हैं और फिर ऐसे लेंसको जब आंखों में लगाती हैं तो इसके चलते बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण हो सकते हैं। इनमें सबसे घातक है केराटाइटिस जो सीधे तौर कॉर्निया को नुकसान पहुंचा सकता है और फिर इससे आंखो की रोशनी जाने का खतरा भी बढ़ जाता है।
आंखो में सूखापन (Dry Eye syndrome)
कॉन्टैक्ट लेंस के लगातार इस्तेमाल से आंखों में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिससे आंखों में रूखापन, जलन और चुभन जैसी समस्याएं होती हैं। ऐसी स्थिति में प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है और ड्राइविंग करने में कठिनाई आती है।
आंखों में लालिमा और सूजन (Red eyes problem)
रात में सोते वक्त या लंबे वक्त तक आंखों में कॉन्टेक्ट लेंस लगे रहने से आंखों की लालिमा और सूजन जैसी दिक्कते बढ़ जाती हैं। कई बार तो रेडनेस की समस्या काफी पीड़ादायी हो जाती है।
कॉन्टेक्ट लेंस के दुष्प्रभाव से कैसे बचें (Eye lenses precautions)
- कॉन्टेक्ट लेंस से होने वाले दुष्प्रभाव से बचने के लिए सबसे जरूरी है, कि आप किसी नेत्र विशेषज्ञ की परामर्श अनुसार और देख-रेख में ही ही इसका प्रयोग करें।
- दूसरी सबसे बड़ी सावधानी आपको इनकी सफाई में बरतनी चाहिए, नियमित रूप से कॉन्टेक्ट लेंस की साफ-सफाई के साथ ही आपको लेंस के बाक्स को नियमित अंतराल पर बदलते रहना चाहिए।
- लेंस को साफ करने के लिए आजकल मार्कट में कई तरह के कॉन्टैक्ट लेंस सॉल्यूशन मिलते हैं, इसके अलावा हाइड्रोजन पेरोक्साइड के जरिए भी आप लेंस को साफ कर सकती हैं।
- कॉन्टेक्ट लेंस को लगाने से पहले अपने हांथों को अच्छी तरह से पानी से धोएं, ताकि किसी भी तरह के बैक्टिरियल या वायरल संक्रमण का खतरा कम हो जाए।
- लेंस को गीला करने के लिए कभी भी नल के पानी का उपयोग न करें और न ही मुंह के लार को प्रयोग में लाए।
- लेंस के संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि नहाते और सोते वक्त इसे निकाल कर रख दें। साथ ही स्विमिंग, राफ्टिंग और दूसरी वाटर एक्टिविटीज और स्पोर्ट्स के दौरान भी लेंस के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
- अगर आपके लिए लेंस की नियमित साफ-सफाई संभव नही है तो डिस्पोजेबल लेंस का इस्तेमाल कर सकती हैं।
- महिलाओं को लेंस का इस्तेमाल करते वक्त इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि मेकअप से पहले ही लेंस लगा लें और मेकअप हटाने से पहले उन्हें निकाल लें।
- लेंस को पहनते वक्त ध्यान रखें कि आपके नाखून से कॉर्निया को या कॉन्टैक्ट को किसी तरह से कोई नुकसान न पहुंचे।
- लेंस से होने वाले नुकसान से बचने के लिए इस बात का विशेष ध्यान रखे की चिकित्सक द्वारा बताई गई समय अवधि से अधिक देर तक इसका प्रयोग न करें।
- अगर हर तरह की सावधानी बरतने के बावजूद भी लेंस के इस्तेमाल से आपको आंखों में किसी तरह का समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो आपको किसी नेत्र चिकित्सक से जरूर संपर्क करना चाहिए।
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