Osteoporosis:बढ़ती उम्र के साथ ही हड्डियों का कमजोर होना आम है। लेकिन कई बार हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती है कि जरा सी ठेस लगने पर या फिर गिर जाने पर हड्डियां फ्रैक्चर हो जाती है। इस स्थिति को हम ऑस्टियोपोरोसिस के नाम से जानते है। आमतौर पर यह समस्या बुजुर्गों और वयस्कों में देखी जाती है।
ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)की वजह से कूल्हों में फ्रैक्चर, कलाई या रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर देखने को मिलते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक हमारे शरीर में कुछ ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो हड्डियों की मजबूती के लिए जिम्मेदार होते हैं, लेकिन जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है इन पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। एक्सपर्ट से जानते हैं ऑस्टियोपोरोसिस से निपटने के लिए वह कौन से न्यूट्रिएंट्स हैं जो जरूरी है। इस बारे में हेल्थ एक्सपर्ट लवनीत बत्रा जानकारी दे रही हैं।

- बोन मैट्रिक्स के लिए मैग्नीशियम काफी जरूरी होता है। यह हड्डियों की मजबूती में योगदान करता है। मैग्नीशियम, कैल्शियम और विटामिन डी के लेवल को रेगुलेट करने में मदद करता है।
- पोटेशियम भी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए काफी जरूरी है। दरअसल यह एसिड बेस को बैलेंस करता है और बोन लॉस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। इससे भी ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है।
- हड्डियों की मजबूती के लिए विटामिन सी भी काफी जरूरी है। यह कॉलेजन बूस्ट करता है। यह हड्डियों के मजबूती के लिए जिम्मेदार सभी पोषक तत्वों का अवशोषण शरीर द्वारा ठीक तरह से करने में मदद करता है।

- हड्डियों के विकास के लिए फास्फोरस का होना भी जरूरी है। अगर शरीर में कम फास्फेट सीरम होता है तो ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ जाता है।
- ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से निपटने के लिए विटामिन डी भी काफी आवश्यक माना जाता है विटामिन डी की कमी हो जाती है तो शरीर में कैल्शियम का अवशोषण बाधित हो सकता है। इसके अलावा जिंक भी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए काफी जरूरी है। जिंक उन कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है जो हड्डियों को मजबूती देती हैं।
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