क्या फाइब्रॉएड आपको गर्भवती होने से रोक रहा है? एक्‍सपर्ट के जानें उपाय

क्या फाइब्रॉएड के कारण आपको प्रेंग्‍नेंट होने में समस्‍या आ रही है और आप इसके लिए सबसे अच्‍छे उपाय की तलाश में हैं। एक्‍सपर्ट के बताए इन आयुर्वेद‍िक उपाय आपके लिए काफी मददगार हो सकते हैं, ताकि गर्भावस्था की राह आसान हो सके।
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गर्भावस्था हर महिला के जीवन का खूबसूरत पड़ाव होता है,लेकिन, कई बार हेल्‍थ से जुड़ी कई समस्‍याएं इस सपने के पूरा होने में बाधा बन सकती हैं। फाइब्रॉइड ऐसी ही एक समस्‍या है। इसमें यूट्रस में गैर-कैसर्स ट्यूमर होते हैं, जो साइड में छोटे से लेकर बड़े तक हो सकते हैं। ये महिलाओं में रिप्रोडक्टिव उम्र के दौरान काफी आम होते हैं और सभी के लिए नहीं, बल्कि कुछ महिलाओं के लिए प्रेग्‍नेंसी में रुकावट बन सकते हैं।

अगर आपको पता चला है कि आपके फाइब्रॉएड है और आप गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आयुर्वेद में कई ऐसे असरदार उपाय बताए गए हैं, जो फाइब्रॉएड को कंट्रोल में करने और रिप्रोडक्टिव क्षमता को अच्‍छा बना सकते हैं। आइए, फर्टिलिटी और योग एक्‍सपर्टअपेक्षा सीरिया के बताए इन आयुर्वेदिक टिप्स के बारे में विस्‍तार से जानते हैं, ताकि आप फाइब्रॉएड से राहत पा सकें और गर्भावस्था की राह आसान हो सके।

फाइब्रॉएड को कम करने के लिए आयुर्वेदिक उपाय

आयुर्वेद मानता है कि फाइब्रॉएड अक्सर शरीर में कफ और वात दोष के असंतुलन के कारण होते हैं। इन जड़ी-बूटियों को लेने से आप इन दोषों को बैलेंस और शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकाल सकती हैं।

कचनार गुग्गुल (Kanchnar Guggulu)

  • यह एक असरदार आयुर्वेदिक उपाय है, जो दवा की तरह काम करता है।

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  • इसका इस्‍तेमाल कई तरह की ग्‍लैंड्स और सिस्‍ट से जुड़ी समस्‍याओं में इलाज के लिए किया जाता है, जिसमें फाइब्रॉइड भी शामिल है।
  • कचनार गुग्गुल शरीर को डिटॉक्‍स होता है, लिम्फैटिक सिस्टम को साफ करता है और असामान्‍य टिश्‍यू ग्रोथ को कम करता है।
  • इसके मुख्य घटक कचनार और गुग्गुल होते हैं, जिनमें शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ट्यूमर गुण होते हैं।
इसे पानी में उबालकर या गुनगुने पानी के साथ सुबह और शाम लेना चाहिए। इसकी सही खुराक और सेवन विधि के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह व्यक्ति की कंडीशन और दोष बैलेंस पर निर्भर करती है।

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शिग्रू गुग्गुलु (Shigru Guggulu)

  • शिग्रू (मोरिंगा) और गुग्गुलु के कॉम्बिनेशन से बनी यह आयुर्वेदिक उपाय भी फाइब्रॉएड में फायदेमंद होता है।
  • शिग्रू में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ट्यूमर गुण होते हैं और गुग्गुलु शरीर को अंदर से साफ करने और गांठों को कम कर सकता है।
  • यह कॉम्बिनेशन फाइब्रॉएड की ग्रोथ को रोकने और मौजूदा गांठों को सिकोड़ने में मदद कर सकता है।
इस पाउडर को पानी के साथ सुबह-शाम लेने से फाइब्रॉइड कम बनेंगे। सही खुराक के लिए आप आयुर्वेदिक एक्‍सपर्ट से सलाह जरूर लें।

अदरक (Ginger)

  • अदरक सिर्फ चाय और खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाती है, बल्कि इसमें शक्तिशाली औषधीय गुण भी होते हैं, जो फाइब्रॉएड में भी मदद करते हैं।

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  • अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो फाइब्रॉएड से जुड़ी सूजन और दर्द को कम करते हैं।
  • यह ब्‍लड सर्कुलेशन को भी बेहतर बनाता है, जिससे यूट्रस के टिश्‍यू तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व अच्‍छे से पहुंचते हैं।
आप अदरक की चाय पी सकती हैं या इसे अपने भोजन में शामिल कर सकती हैं। ताजी अदरक को पीसकर गर्म पानी में उबालकर भी काढ़ा बनाया जा सकता है।

अशोक (Ashoka)

  • अशोक का पेड़ आयुर्वेद में महिलाओं के लिए बहुत ही जरूरी जड़ी-बूटी मानी जाती है, जिसे अक्सर 'यूट्रस का दोस्‍त' कहा जाता है।
  • यह एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जिसका इस्‍तेमाल फाइब्रॉइड सहित पीरियड्स के विकारों का इलाज किया जाता है।
  • अशोक यूट्रस के टिश्‍यू को मजबूत करता है, पीरियड्स को रेगुलर करता है और ज्‍यादा ब्‍लीडिंग को कंट्रोल करता है। ये समस्‍याएं अक्सर फाइब्रॉएड के कारण होती है।
  • इसमें एस्ट्रिजेंट गुण होते हैं, जो ज्‍यादा ब्‍लीडिंग को रोक सकते हैं।
अशोक की छाल का चूर्ण या काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है।

शतावरी (Shatavari)

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  • शतावरी हार्मोन को बैलेंस, रिप्रोडक्टिव अंगों को मजबूत और तनाव को कम करती है, जो फाइब्रॉएड की ग्रोथ का कारण है।
  • यह यूट्रस के टिश्‍यू को पोषण देकर हेल्‍थ के सुधारती है।
  • इसमें कूलिंग और पौष्टिक गुण होते हैं, जो पित्त को शांत करते हैं।
इसे हल्के गुनगुने पानी या दूध के साथ सुबह-शाम लेने से फाइब्रॉएड से राहत मिलती है।

इसे जरूर पढ़ें:यूटेरिन फाइब्रॉइड्स से परेशान हैं? न खाएं ये 10 चीजें, बिगड़ सकती है सेहत

हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल, तनाव को मैनेज करके और सही आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर आप इस चुनौती का सामना कर सकती हैं और अपने मां बनने के सपने को साकार कर सकती हैं। हालांकि, ये आयुर्वेदिक उपाय फाइब्रॉएड को मैनेज कर सकते हैं, लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि हर महिला का शरीर और कंडीशन अलग होती है। यदि आपको फाइब्रॉएड है और आप गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं, तो किसी भी ट्रीटमेंट को शुरू करने से पहले किसी डॉक्‍टर से बात करें।

अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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FAQ

  • क्या गर्भावस्था और फाइब्रॉएड एक साथ बढ़ सकते हैं?

    गर्भावस्था के हार्मोन आपके फाइब्रॉएड को बढ़ा सकते हैं।
  • फाइब्रॉएड को ठीक करने के तरीके क्या हैं?

    कचनार गुग्गुल, अदरक और शतावरी ऐसे असरदार आयुर्वेदिक उपाय है, जो दवा की तरह काम करता है।