कब्ज होने पर सूखा आलूबुखारा खाना माना जाता है बहुत अच्छा, जानिए क्यों

अगर आपको अक्सर कब्ज की शिकायत रहती है तो ऐसे में आपको सूखे आलूबुखारे को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। जानिए इस लेख में।
Natural laxatives

कब्ज एक ऐसी समस्या है, जिसे अक्सर हल्के में लिया जाता है, लेकिन वास्तव में यह व्यक्ति को काफी हद तक परेशान कर सकती है। जब व्यक्ति का पेट सही तरह से साफ नहीं होता है तो इससे व्यक्ति को ब्लोटिंग या हैवीनेस की शिकायत हो सकती है। ऐसे में अपने पाचन को बेहतर बनाने के लिए लोग दवाइयों का सहारा लेते हैं, लेकिन अगर आप चाहें तो प्रून्स यानी सूखे आलूबुखारे की मदद से भी कब्ज की समस्या से राहत पा सकती हैं।

दरअसल, सूखे आलूबुखारे में फाइबर के अलावा सोर्बिटोल भी पाया जाता है, जो एक नेचुरल लैक्सेटिव के रूप में काम करता है। अगर आप दिन में बस मुट्ठी भर सूखे आलूबुखारे का सेवन करते हैं तो इससे मल को नरम करने में मदद मिल सकती है और इससे मल त्याग करना काफी आसान हो जाता है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए सूखा आलूबुखारा किस तरह फायदेमंद साबित हो सकता है-

फाइबर से भरपूर

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सूखा आलूबुखारा खाने का फायदा यह है कि इसमें इनसॉल्यूबल और सॉल्यूबल दोनों फाइबर पाया जाता है। जहां इनसॉल्यूबल फाइबर आपके स्टूल में बल्क एड करता है, जिससे इसे पास करना काफी आसान हो जाता है। वहीं, सॉल्यूबल फाइबर पानी को सोखता है, जिससे मल नरम हो जाता है और फिर इसे पास होने में आसानी होती है। बता दें कि 100 ग्राम सूखे आलूबुखारे में लगभग 7 ग्राम फाइबर होता है, जो कि दैनिक फाइबर की आवश्यकता का लगभग एक चौथाई है। सिर्फ़ 5-6 आलूबुखारा खाने से आपको लगभग 3 ग्राम फाइबर मिलता है, जो डाइजेशन में काफी मददगार हो सकता है।

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नेचुरल लैक्सेटिव की तरह करता है काम

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सूखा आलूबुखारा एक नेचुरल लैक्सेटिव की तरह काम करता है। इसका सीधा मतलब यह है कि यह आपके लिए स्टूल पास करना काफी आसान बनाता है। दरअसल, सूखे आलूबुखारे में सोर्बिटोल होता है, जो एक शुगर अल्कोहल है। यह पानी को आपकी आंतों में खींचता है, मल को नरम करता है और मल त्याग को आसान बनाता है। इसकी लैक्सेटिव प्रोपर्टीज ही कब्ज के खिलाफ इसे एक बेहतरीन होम रेमिडी बनाती है।

मिलता है हाइड्रेशन बूस्ट

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बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी होगी, लेकिन कब्ज का एक मुख्य कारण डिहाइड्रेशन भी है, क्योंकि यह मल को कठोर करके उसे पास करना मुश्किल बनाता है। ऐसे में सूखा आलूबुखारा खाना काफी फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, सूखे आलूबुखारे में पानी की मात्रा अधिक होती है, इसलिए वे डिहाइड्रेशन से संबंधित कब्ज को रोकते हैं। चूंकि सूखे आलूबुखारे में लगभग 30 प्रतिशत पानी होता है, इसलिए वे आपके पाचन तंत्र को हाइड्रेटेड रखने और बेहतर तरह से काम करने में मदद करते हैं।

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कितने खाएं सूखे आलूबुखारे

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अब सवाल यह उठता है कि कब्ज से राहत पाने के लिए आपको कितनी मात्रा में सूखे आलूबुखारे का सेवन करना चाहिए। यह आपकी कब्ज की गंभीरता पर निर्भर करता है। मसलन, अगर आपको हल्का कब्ज है तो ऐसे में प्रतिदिन 5-6 सूखा आलूबुखारा खा सकते है। वहीं, बहुत अधिक समस्या होने पर आप पूरे दिन में 10-12 प्रून्स खाएं। इसके रिजल्ट आने का समय भी हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकता है। जहां कुछ लोगों के लिए, प्रून्स 6-12 घंटों में कब्ज से राहत दिला सकते हैं। वहीं, दूसरों को परिणाम पाने के लिए पूरा दिन लग सकता है। इतना ही नहीं, सूखा आलूबुखारा के बाद गर्म पानी पीने से आपको जल्द आराम मिल सकता है।

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Image Credit- freepik

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