बढ़ती उम्र में शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। शरीर कमजोर पड़ने लगता है। हमारी हड्डियां भी धीरे धीरे कमजोर होने लगती है,कमजोर हड्डियों के कारण कई सारी दिक्कतें होती हैं उनमें से एक है ऑस्टियोपोरोसिस, वैसे तो इस बीमारी का रिस्क 65 के बाद बढ़ जाता है लेकिन जवानी में भी आपको यह रोग हो सकता है। आइए जानते हैं विस्तार से क्या होता है ऑस्टियोपोरोसिस और युवा वर्ग को कैसे प्रभावित करता है।
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ओस्टियोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां कमजोर और भंगुर हो जाती है,जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। एक्सपर्ट प्रियंका सहरावत बताती हैं कि बोन पर जो मिनरल्स होते हैं जो बोन को मजबूत बनाते हैं जैसे कैल्शियम और फास्फोरस, इनकी कमी हो जाती है तो हड्डियां कमजोर होकर टूटने लगती है। खासकर कूल्हे, रीढ़ और कलाई की हड्डियां। ऑस्टियोपोरोसिस का निदान करने के लिए डेक्सा स्कैन किया जाता है। डेक्सा स्कैन से टी स्कोर से पता चलता है कि बोन में मिनरल्स की मात्रा कितनी हैं,इसके आधार पर ही इलाज किया जाता है।
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Image Credit- freepik
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