जब भी महिलाओं के बारे में बात होती है तो लोग उनके शरीर के कई अंगों को नज़रअंदाज़ किया जाता है। उन्हें सर्दी, बुखार, जुकाम, सिस्ट या फिर कैंसर जैसी कोई गंभीर बीमारी हो तब तो उनका ध्यान रखा जाएगा, लेकिन अगर निजी अंगों और उनसे जुड़ी कोई समस्या हो तो उसे नजरअंदाज करने को कहा जाता है। महिलाओं की जितनी भी चिंता और परेशानियां हैं वो उनके बारे में खुलकर बात भी नहीं कर पाती हैं।
यही कारण है कि अपने शरीर के अंगों से जुड़ी बातों के बारे में भी उन्हें नहीं पता होता है। हमने जर्मनी से FRM की डिग्री प्राप्त, एमबीबीएस, एमडी (ओबी गायनी) डॉक्टर अमीना खालिद से इसके बारे में बात की। उन्होंने हमें बताया कि कई महिलाएं अपने निजी अंगों के बारे में नहीं जानती हैं और उनमें से सबसे ज्यादा क्लिटोरिस(Clitoris) उर्फ भंगाकुर से अंजान हैं।
कई को तो ये भी नहीं पता होता कि उनके शरीर के किस हिस्से की बात हो रही है। डॉक्टर अमीना ने हमें क्लिटोरिस के बारे में कुछ जरूरी फैक्ट्स बताए।
इसे जरूर पढ़ें- महिलाओं के ऑर्गेज्म के बारे में ये फैक्ट्स नहीं जानती होंगी आप
किताबों में कब सामने आया क्लिटोरिस का नाम?
डॉक्टर अमीना कहती हैं कि क्लिटोरिस के बारे में कम ही बात की जाती है और एक लंबे समय तक लोग इसके बारे में जानते भी नहीं थे। हालांकि, इसके बारे में 1486 से ही संकेत टेक्स्ट के रूप में दिए जाते रहे हैं, लेकिन 1998 में डॉक्टर हेलेन ओ कॉनल ने ही इसकी खोज की। इससे अजीब फैक्ट तो ये है कि आज तक भी इसके साइज और शेप को लेकर एनाटॉमी किताबों में इसका सही डायग्राम तक नहीं होता है।(वेजाइनल डिस्चार्ज से कब हों सावधान)
क्लिटोरिस से जुड़े कुछ फैक्ट्स-
मटर के दाने जितना दिखता है साइज-
इसका आकार बाहरी ओर से सिर्फ मटर के दाने जैसा ही दिखता है। ये छोटा सा स्किन का टुकड़ा लगता है जो यूरेथ्रा (जहां से यूरिन पास होती है) के ऊपर होता है। अगर कोई महिला अपने शरीर की एनाटॉमी के बारे में ध्यान से नहीं जानती है तो उसे इसे खोजने में दिक्कत होगी। इसलिए पहले अपने शरीर के बारे में जानना बहुत जरूरी है।
View this post on Instagram
ये महिलाओं के आनंद के लिए है-
अधिकतर लोग इसका मतलब ही गलत समझते हैं क्योंकि टीवी और फिल्मों में फीमेल ऑर्गेज्म की एक अलग छवि दिखाई गई है। एक बात का ध्यान रखना जरूरी है कि महिलाओं को पेनिट्रेशन के जरिए आनंद नहीं मिलता है। 75% से 95% महिलाओं के शरीर की रचना कुछ इस तरह होती है कि उन्हें सिर्फ क्लिटोरिस के कारण ही वो मिलता है।
इसलिए वो महिलाएं जो सोचती हैं कि उनमें कुछ गड़बड़ है या उन्हें इंटरकोर्स के बाद वैसा कुछ महसूस नहीं होता है तो ये उनकी गलती नहीं है। ये पूरी तरह से नॉर्मल है।
पुरुषों के जननांग जैसा ही होता है स्ट्रक्चर-
क्लिटोरिस की शारीरिक रचना भी बिल्कुल पुरुषों के जननांग की तरह होती है। जैसे पुरुषों में जननांग होता है वैसे ही महिलाओं में ये मौजूद होती है।
इसे जरूर पढ़ें- क्या कभी सोचा है पीरियड्स के समय इतना दर्द क्यों होता है?
इसका आकार काफी बड़ा होता है-
यहां भी महिलाओं के शरीर की रचना की बात ही हो रही है। अधिकतर महिलाओं को लगता है कि जो उनकी वेजाइना के ऊपर दिख रहा है वही सही है,लेकिन इसका आकार बाहरी रचना से करीब 10 गुना बड़ा होता है। अधिकतर हिस्सा स्किन के अंदर छुपा हुआ होता है। इसका आकार 7 से 12 सेंटीमीटर तक हो सकता है।
ये काफी नाजुक होती है-
हमें ये पता है कि पुरुष जननांग बहुत सेंसिटिव होता है, लेकिन क्लिटोरिस उससे भी ज्यादा नाजुक होती है। इसमें 8000 से ज्यादा नर्व्स होती हैं जो पुरुषों के मुकाबले लगभग दोगुनी हैं।
Recommended Video
ये सोचना भी थोड़ा अजीब लगता है कि शरीर का इतना छोटा सा हिस्सा कितना महत्व रखता है। महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी इसी प्रकार हम आपको देते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों