हेल्दी लाइफस्टाइल पाने के लिए डिटॉक्सीफिकेशन एक अच्छा विकल्प है। जी हां बॉडी में मौजूद टॉक्सिन अक्सर बीमारी का कारण बनते हैं। इसलिए इन तत्वों को बॉडी से बाहर निकालना बेहद जरूरी होती है और बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालने की प्रक्रिया को डिटॉक्सीफिकेशन कहते है। यह बॉडी वेट कम करने, व्रत के दौरान अंगों को आराम पहुंचाने, ब्लड सर्कुलेशन सुधारने और पसीना व यूरीन के माध्यम से बॉडी के टॉक्सिन को बाहर करने में हेल्प करता है तथा बॉडी को हेल्दी पोषण प्रदान करता है। डिटॉक्सीफिकेशन के दौरान कुछ बातों को ध्यान में रखना अत्यधिक जरूरी है। सिर्फ एक्सपर्ट की मदद से डिटॉक्सीफिकेशन करें। अपनी डाइट में केवल हर्बल प्रोडक्ट को ही शामिल करें, क्योंकि इसका साइड इफेक्ट नहीं होता।
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आयुर्वेदिक परामर्श लें और प्राकृतिक उपचार अपनाएं। एक्सरसाइज सबसे जरूरी चीज है। केवल पोषण विशेषज्ञ द्वारा आपके शरीर के हिसाब से बताए गए आहार का ही सेवन करें। इन अच्छी आदतों को अपनाने से आपकी बॉडी हमेशा एनर्जी से भरपूर रहने में मदद मिलेगी, ताकि आप उत्साह के साथ अपने काम का आनंद ले सकें। हीलयोरबॉडी एक ऐसा मंच है जो आपको अपने शरीर की मांग को समझने और एनर्जी प्राप्त करने और हेल्दी जीवन जीने के लिए प्राकृतिक उपचार प्रदान करने में मदद करेगा।
क्यों जरूरी है डिटॉक्सीफिकेशन
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि करीब 43 फीसदी कार्यबल सप्ताह के ज्यादातर दिनों में थकान महसूस करते हैं। इन आंकड़ों को देखकर पता लगता है कि लोगों की कितनी बड़ी संख्या है जिन्हें अपनी जीवनशैली का मूल्यांकन करने की जरूरत है।
कई लोगों के मन में यह धारणा होती है कि रोजाना एक निश्चित व्यवस्था का अनुसरण करने से शरीर डिटॉक्सीफिकेशन होता है और एनर्जी वापस आती है। लेकिन यह गलत भी हो सकता है। इसलिए आपको समझने की जरूरत है कि आपके शरीर पर कौन सा तरीका सबसे अच्छी तरह कारगर होगा।
ज्यादातर मामलों में एक हेल्दी लाइफ स्टाइल पाने के लिए डिटॉक्सीफिकेशन एक अच्छा विकल्प है। जैसा की हम आपको पहले बता चुके हैं कि यह बॉडी वेट में, उपवास के दौरान अंगों को आराम पहुंचाने, रक्त संचार सुधारने में और पसीना व यूरीन के माध्यम से शरीर से दूषित पदार्थो को बाहर करने में मदद करता है तथा शरीर को स्वस्थ पोषण प्रदान करता है।
डिटॉक्सीफिकेशन के लिए एक्सपर्ट की राय लेना है जरूरी
ब्रिटिश डायटिक एसोसिएशन लिमिटेड की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि डिटॉक्सीफिकेशन हमेशा सफल नहीं होगा। इस अध्ययन के निष्कर्षो से पता चलता है कि ज्यादा डिटोक्स केवल किडनी का होता है और उसका केवल अल्पकालिक लाभ होता है।
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इसमें बताया गया है कि डिटोक्स के दौरान लिए जाने वाले आहार को बाजार में केवल जानवरों पर परीक्षण कर बेचा जा रहा है और उसका किसी प्रकार का रैंडमाइज कंट्रोल्ड परीक्षण नहीं किया जाता। इसलिए किसी भी डिटॉक्स कार्यक्रम को अपनाने से पहले इसकी प्रभावकारिता को जांच लेनी चाहिए।
हालांकि लोग हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ डिटोक्सीफिकेशन के लिए अगर किसी डाइट को अपनाते हैं तो हमेशा विशेषज्ञ की सिफारिश के बाद ही किसी डाइट को अपनाना चाहिए। किसी प्रकार के ड्रग या अल्कोहल के माध्यम से डिटॉक्सीफिकेशन करना कुछ मामलों में खतरनाक भी हो सकता है। इससे लोगों को खूब पसीना आना, उल्टी आना, दस्त लगना, मतली, कंपकंपी और व्यग्रता जैसे साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।