मां बनना एक बहुत ही खूबसूरत एहसास है। कितना अच्छा लगता है यह सोच कर ही कि आपके अंदर एक नया जीवन पल रहा है। इस दौरान मां हर एक कदम फूंक फूंक कर बढ़ाती है, ताकि बच्चे को कोई नुकसान न हो जाए। खासकर खान पान का खास ख्याल रखना पड़ता है, क्योंकि मां जो कुछ भी खाती है, उसका सीधा असर नन्हें मेहमान पर पड़ता है। आज हम आपको एक्सपर्ट के बताए ऐसे 8 फूड्स के बारे में बता रहे हैं, जिससे बच्चे को नुकसान हो सकता है। एक्सपर्ट काजल अग्रवाल इस बारे में जानकारी दे रही हैं। चलिए जानते हैं उन फूड्स के बारे में।
प्रेग्नेंसी में भूल कर भी ना खाएं ये 8 फूड्स
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अनपाश्चराइज्ड दूध और चीज़
बिना पाश्चराइज्ड दूध और उससे बने चीज या पनीर में लिस्टेरिया या अन्य हानिकारक बैक्टीरिया हो सकते हैं। ये बैक्टीरिया गर्भवती महिला और नन्हे बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकते हैं।इससे गंभीर संक्रमण हो सकता है। हमेशा पाश्चराइज्ड दूध और उससे बने डेयरी उत्पाद ही चुनें।
कच्चा या अधपका अंडा
वैसे तो अंडा बेहतरीन प्रोटीन का स्रोत है, लेकिन कच्चे अंडे में साल्मोनेला नाम का बैक्टीरिया हो सकता है। यह आपको फूड पॉइजनिंग दे सकता है, जिससे उल्टी, दस्त और बुखार हो सकता है, जो कि प्रेग्नेंस में ठीक नहीं है।
अधपका मांस और मछली
मांस और मछली में पोषक तत्व होते हैं, लेकिन कच्चे या अधपके होने पर टोक्सोप्लाज्मोसिस , लिस्टेरिया या अन्य परजीवियों का घर हो सकते हैं। ये नन्हीं जान को नुकसान पहुंचा सकते हैं। कच्ची मछली वाली सुशी का सेवन न करें।
हाई मरकरी फिश
मछली ओमेगा 3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत होता है, लेकिन कुछ मछलियों में मरकरी यानी पारा की मात्रा अधिक होती है, यह मरकरी बच्चे के दिमाग और नर्वस सिस्टम के विकास को नुकसान पहुंचा सकती है।
बिना धुले फल और सब्जियां
ताजे फल और सब्जियां बहुत ही फायदेमंद होती हैं,लेकिन उन्हें ठीक से न धोया जाए, तो उन पर टोक्सोप्लाज्मा नाम के परजीवी हो सकते हैं, जो मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
कैफीन
सुबह चाय या कॉफी हर कोई पीता है, लेकिन प्रेग्नेंसी में कैफीन की मात्रा पर ध्यान देना जरूरी है। बहुत ज्यादा कैफीन मिसकैरेज का खतरा बढ़ा सकती है। दिन में 200 मिलीग्राम कैफीन तक सीमित रहें।
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पपीता का सेवन करने से भी बचना चाहिए। इसमें लेटेक्स जैसे पदार्थ होता है, जो गर्भाशय में संकुचन को ट्रिगर कर सकता है और समय से पहले प्रसव या मिसकैरेज का कारण बन सकता है।
प्रग्नेंसी के दौरान शराब का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। यह सबसे महत्वपूर्ण नियम है। शराब फीटल अल्कोहल सिंड्रोम का कारण बन सकती है, जिससे बच्चे में शारीरिक और मानसिक विकास संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती है।
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Image Credit- Freepik
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