अक्सर लोगों को लगता है कि मोटापा बढ़ने के पीछे सिर्फ गलत खान-पान और लाइफस्टाइल हो सकता है। हालांकि, शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस भी मोटापे का मुख्य कारण हो सकता है। हार्मोनल इंबैलेंस के पीछे कई वजहे हो सकती हैं। स्ट्रेस और कई हेल्थ कंडीशन्स की वजह से शरीर में हार्मोन्स का उतार-चढ़ाव हो सकता है। उम्र बढ़ने के साथ भी हार्मोन्स के लेवल पर असर होता है। 40 की उम्र यानी पेरमेनोपॉज में महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल कम होने लगता है और इसकी वजह से इंसुलिन सेंसिटिविटी कम हो जाती है, जिसके कारण थकान महसूस होना, पेट के इर्द-गिर्द चर्बी जमना और शुगर क्रेविंग्स महसूस हो सकती हैं। ऐसे में अगर आपकी उम्र 40 पार हो चुकी है और आपकी तोंद लटकती जा रही है, तो आपको सबसे पहले इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारना होगा। इसके लिए, एक्सपर्ट के बताए टिप्स को फॉलो करें। इस बारे में डाइटिशियन मनप्रीत जानकारी दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।
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40 की उम्र के बाद बेली फैट कम करने में ये टिप्स मदद कर सकते हैं। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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