मां बनना एक खूबसूरत एहसास है, लेकिन यह सफर सिर्फ भावानात्मक ही नहीं, शारीरिक रूप से भी बड़ा बदलाव लाता है। गर्भावस्था के बाद यानि पोस्टपार्टम पीरियड हर महिला के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। गर्भावस्था के बाद फिटनेस दोबारा हासिल करना मुश्किल हो सकता है, खासकर कामकाजी मां के लिए जो अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन को एक साथ संतुलित करती हैं। खुद के लिए समय निकालना एक चुनौती जैसा लग सकता है। यह मानसिक संतुलन को बनाए रखने के लिए भी जरूरी है। पोस्टपार्टम फिटनेस का मतलब कभी भी जल्दी वजन घटाने से नहीं है। इसका असल मकसद शरीर को धीरे-धीरे ताकत और ऊर्जा लौटाना है।
इसी बात को समझाया है मैटरनल फिटनेस एजुकेटर सुचेता पाल ने, जो खास फिटनेस मंत्र लेकर आई हैं। उनका कहना है हर महिला के लिए कोर रिकवरी, फंक्शनल मूवमेंट और सस्टेनेबल न्यूट्रिशन बहुत जरूरी है। आइए इस लेख में विस्तार से इस मंत्र को जानें।
1. कोर रिकवरी पर ध्यान देना है जरूरी
प्रेगनेंसी के दौरान पेट और पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां ढीली पड़ जाती हैं। इन्हें फिर से एक्टिव करना जरूरी है ताकि पीठ दर्द, कमजोरी या पेशाब से जुड़ी दिक्कतें न हों।
क्या करें:
- धीरे-धीरे सांस लेते हुए पेट अंदर खींचना शुरू करें। यह कोर एक्टिवेट करने का आसान तरीका है।
- पेल्विक फ्लोर की एक्सरसाइज करें। इस एक्सरसाइज को कीगल्स कहते हैं।
- हल्की एक्सरसाइज जैसे ग्लूट ब्रिज या बर्ड-डॉग ट्राई करें। जब तक कोर मजबूत न हो जाए, क्रंच या प्लैंक से बचें।
- टिप: कोई भी काम के बीच में 5 मिनट निकालें और इस एक्सरसाइज को करें। यही छोटे-छोटे पल बदलाव लाते हैं।
2. फंक्शनल मूवमेंट करना न भूलें
हर मां की जिंदगी खुद में एक वर्कआउट है। बच्चे को बार-बार उठाना। घर के काम करने के साथ, बच्चे के फैलाए हुए खिलौने समेटना, बार-बार उठना-बैठना सब वर्कआउट का ही हिस्सा है। इसलिए, आपको ऐसी एक्सरसाइज करनी चाहिए जो इन कामों में मदद करे।
घर पर ये एक्सरसाइज आप ट्राई कर सकती हैं-
- बॉडीवेट स्क्वैट्स- यह पैर की मसल और ग्लूट्स की स्ट्रेंथ के लिए जरूरी है।
- इंकलाइन पुश-अप्स- हाथों और कंधों की ताकत के लिए जरूरी है।
- वेंट ओवर रोज विद बैंड्स- पीठ और बैठने की मुद्रा को सही करने के लिए यह एक्सरसाइज की जाती है।
- स्टेप-अप्स या स्प्लिट स्क्वैट्स-बैलेंस और कोर स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए जरूरी है।
- टिप: जूम कॉल के बीच या जब बच्चा सो रहा हो, तब 2-3 एक्सरसाइज कर लें। ये वक्त आपकी सेहत के लिए बहुत काम आ सकता है।
3. डाइट के साथ पोषण है जरूरी
काम और बच्चे के बीच में कई बार खाना छूट जाता है या कुछ भी उल्टा-पुल्टा खा लेते हैं। लेकिन डिलीवरी के बाद आपके शरीर को ठीक होने और एनर्जी पाने के लिए अच्छे पोषण की जरूरत होती है। अपनी रिकवरी के लिए खाना जरूरी है, अपनी कैलोरी को रिस्ट्रिक्ट न करें। खासकर अगर आप ब्रेस्टफीडिंग कर रही हैं।
क्या खाएं:
- अंडा, पनीर या दाल जैसे प्रोटीन वाली चीजों का सेवन करें। इससे मसल्स बनेंगी और पेट लंबे समय तक भरा रहेगा।
- अपने आहार में गुड फैट और फाइबर शामिल करें। यह आपकी एनर्जी लेवल को बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है।
- दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना आवश्यक होता है। आपका हाइड्रेशन अच्छा होना चाहिए।
- टिप: हर संडे की शाम को कुछ स्नैक्स या मील्स तैयार कर लें जो आप जल्दी में भी खा सकें। नट मिक्स, रैप्स या सैंडविच अच्छा विकल्प हो सकते हैं।
आपको फिट रहने के लिए बहुत समय नहीं चाहिए, बल्कि एक ऐसी प्लानिंग चाहिए जो आपके बिजी शेड्यूल में भी फिट हो सके। ये 3 फिटनेस मंत्र से आप न सिर्फ शारीरिक रूप से फिट होंगी, बल्कि मानसिक रूप से भी स्ट्रॉन्ग महसूस करेंगी।
हमें उम्मीद है कि आपके लिए भी ये मंत्र काम करेंगे। इन्हें अपनी डेली लाइफ में जरूर आजमाएं। अगर यह लेख आपको पसंद आया, तो इसे लाइक करें और फेसबुक पर शेयर करना न भूलें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: Freepik
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