हजारों लोग प्रतिदिन ट्रेन से सफर करते हैं और ट्रेन में सफर करने से पहले अपना रिजर्वेशन करवाते हैं। टिकट लेने से पहले यह ऑप्शन भी दिया जाता है कि वह कौन सी सीट लेना पसंद करेंगे। ज्यादातर लोग लोअर बर्थ या फिर अपर बर्थ लेना पसंद करते हैं। वहीं, मिडिल बर्थ को लेकर कुछ नियम भी है। इसके बारे में हम आपको बताएंगे।
मिडिल बर्थ के बारे में जानिए ये जरूरी बातें
ट्रेन में कई सेक्शन होते हैं और नियमों के अनुसार, मिडिल बर्थ वाला यात्री अपने बर्थ पर रात के 10:00 बजे से पहले और सुबह 6:00 बजे के बाद नहीं सो सकता है। ट्रेन के एक सेक्शन में लोअर बर्थ, मिडिल बर्थ, अपर बर्थ, साइड अपर बर्थ होती है। मिडिल बर्थ पर आप चाह कर भी एक तय समय से पहले या फिर उसके बाद सो या बैठ नहीं सकते हैं। यात्री केवल रात के 10:00 बजे के बाद और सुबह 6:00 बजे तक ही अपनी सीट पर सो सकता है।
सिर्फ यही नहीं, टिकट चेकिंग के समय भी कोई यात्री सो नहीं सकता है। अगर यात्री दिन के समय थका हुआ है और वह सोना चाहता है, तो भी उसे ट्रेन में रात 10 बजे तक बैठ कर ही काम चलाना पड़ता है।
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ट्रेन में टिकट चेकिंग को लेकर भी है यह नियम
आपको बता दें कि आपकी यात्रा के दौरान टीटीई आपको रात के 10:00 बजे के बाद डिस्टर्ब करके आपकी टिकट नहीं चेक कर सकता है और टीटीई को यह अधिकार है कि वह सिर्फ सुबह 6 से रात के 10 के बीच ही टिकट वेरिफिकेशन कर सकता है।
आपको बता दें कि अगर कोई भी यात्री टीटीई रेलवे बोर्ड के इन नियमों को नहीं मानता है तो उस पर सख्त कार्रवाई भी हो सकती है। इसके अलावा अगर कोई भी यात्री मिडिल बर्थ के से जुड़े नियमों को नहीं मानता है तो भी उस पर कार्रवाई हो सकती है। इन कारणों के चलते कई यात्री मिडिल बर्थ चुनना पसंद नहीं करते हैं।इसे जरूर पढ़ें- क्या आप जानते हैं ट्रेन के आखिरी डिब्बे के पीछे " X " का निशान क्यों होता है ?
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Image Credit- freepik
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