How to Reach Prakashwar Mahadev Temple:मसूरी घूमने का प्लान इस समय कई लोग बना रहे होंगे। क्योंकि, यहां का मौसम इस समय बारिश की वजह से ठंडा और सुहाना है। ऐसे में मौसम में बाइक राइड पर निकलना भी यहां यादगार होता है। जो लोग दोस्तों या पार्टनर के साथ यहां घूमने का प्लान बनाते हैं, वह स्कूटी या बाइक से ही यहां घूमने आते हैं। अगर आप भी यहां घूमने का प्लान बना रही हैं, तो यह आर्टिकल आपके काम आएगा। आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए मसूरी की एक ऐसी खूबसूरत जगह बताएंगे, जो धार्मिक होने के साथ-साथ अपनी अद्भुत खूबसूरती के लिए भी जानी जाती है। आप मसूरी के प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर कैसे पहुंच सकते हैं और आपको पहुंचने में कितना समय लगेगा, इसके बारे में विस्तार से जानकारी यहां पढ़ सकते हैं।
मसूरी में प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर कहां स्थित है? (Prakashwar Mahadev Temple Location)
- यह देहरादून-मसूरी रोड पर स्थित ही स्थित है। इसलिए यहां पहुंचना आपके लिए आसान होगा। अगर आप आस-पास के हिल स्टेशन घूमने निकले हैं, तो भी रास्ते में यहां दर्शन करने जा सकते हैं।
- अगर आप रास्ता पता कर रहे हैं, तो आपको पहले कुठाल गेट पहुंचना होगा। यह कुठाल गेट के पास, मसूरी रोड पर स्थित है।
- अगर आप देहरादून से स्कूटी या बस से यहां दर्शन के लिए आ रही हैं, तो आपको 12 किमी का सफर तय करना होगा। यहां पहुंचने में आपको लगभग आधे घंटे का समय लगेगा।
- ऋषिकेश प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर की दूरी लगभग 50 किमी है, जिसे पूरा करने में आपको 1 से 1.30 घंटे का समय लग जाएगा।

प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर दर्शन से जुड़ी खास बातें (Prakashwar Mahadev Temple Visiting Rules)
- इस मंदिर में दर्शन करने जा रहे लोगों को कुछ बातों का ध्यान रखना होगा, क्योंकि यहां भक्तों के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं।
- अगर आप यहां जा रही हैं, तो अपने साथ प्रसाद लेकर न जाएं। इस मंदिर में चढ़ावा चढ़ाना सख्त मना है। आप यहां किसी भी तरह की चीज भोले बाबा को नहीं चढ़ा सकतीं।
- ध्यान रखें कि इस मंदिर में आप पैसे भी नहीं चढ़ा सकती हैं। यहां आपको केवल बाबा के दर्शन करने हैं। मंदिर में जब आप प्रवेश करेंगे, तो वहीं पर आपको चढ़ावा नहीं चढ़ाने की बात पढ़ने को मिलेगी। यह देश के फेमस मंदिर में से एक है।
- मंदिर दर्शन करने जा रहे हैं इसलिए यहां छोटे और फटे कपड़े पहनकर जाने पर भी रोक है।
- यहां मंदिर में आपको प्रसाद के रूप में चाय, कड़ी चावल या दलिया दिया जाता है।
- इस मंदिर में भोले बाबा का स्वरूप सबसे अलग है। यहां शिवलिंग स्फटिक पत्थर से बना हुआ है। यह एक ऐसा दुर्लभ पत्थर है, जो बर्फ में दबे रहने की वजह से बनता है। यह दिखने में आकर्षक और चमकदार लगता है।पहाड़ों पर घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो यहां घूमने जाना आपके लिए यादगार होगा।
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image credit- freepik
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