एक्सप्रेसवे बनाने के एक सबसे बड़ा कारण लंबी दूरी की यात्रा का आसान बनाना है। इससे रेलवे पर दबाव कम पड़ता है और लोग सड़क यात्रा की तरफ ध्यान देते हैं। इसके साथ ही एक शहर से दूसरे शहर में उद्योग के अवसरों को भी बढ़ावा मिलता है। जैसे ट्रकों और कंटेनरों के लिए एक्सप्रेसवे एकदम सही होते हैं, जिससे माल ढुलाई का काम भी आसान हो जाता है। एक्सप्रेसवे के माध्यम से भारी वाहनों को भी एक शहर से दूसरे शहर में यात्रा करने में परेशानी नहीं होती। इसके साथ ही नए एक्सप्रेस वे बनने से रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। क्योंकि इस लंबे चौड़े सड़क के किनारे बने ढाबे और स्टॉल्स को भी कमाई का जरिया मिलता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको चंबल एक्सप्रेस वे के रूट्स के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
किन शहरों से होकर गुजरेगा चंबल एक्सप्रेसवे (Which Cities will Chambal Expressway Connect)
सरकार बड़े शहरों के बीच कनेक्टिविटी को तेज करने के लिए लगातार एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही है। इसी के तहत देश में एक्सप्रेसवे का जाल बिछाने पर जोर दिया जा रहा है। इनमें से एक चंबल एक्सप्रेस वे राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला है। अब लोगों को सड़कों के माध्यम से कम समय में इन शहरों के बीच सफर करना आसान होगा। साल 2021 में इस सड़क के बनाने की घोषणा केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने की थी। लेकिन जमीन अधिग्रहण को लेकर मामला अटका हुआ है।
- चंबल एक्सप्रेस वे के लिए राजस्थान में 72 किमी की सड़क, मध्य प्रदेश में 314 किमी और इटावा में 23 किमी की सड़क बनाने की बात हुई है।
- इसकी शुरुआत राजस्थान के कोटा के सिमलिया से होगी, जो मध्य प्रदेश से होते हुए उत्तर प्रदेश के इटावा के ननावा पर खत्म होगी।एक्सप्रेसवे पर वाहनों की स्पीडज्यादा होती है, इसलिए लोगों को इसके बनने का इंतजार है।
चंबल एक्सप्रेस वे के बनने से क्या होगा फायदा? (What is Benefit of Chambal Expressway?)
- यह एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास के साथ-साथ पर्यटन के लिए भी अच्छा होगा। क्योंकि, इससे रोड ट्रिप पर जाने वाले लोगों को फायदा होगा। रोड ट्रिप का प्लान बना रहे लोग, अच्छी और चौड़ी सड़कों से यात्रा करना पसंद करते हैं, जिसमें उन्हें ट्रैफिक से राहत मिलती है। एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 404 किलोमीटर है।
- सबसे अच्छी बात यह है कि इस एक्सप्रेस वे से सफर करने वाले लोग रणथंभौर टाइगर रिजर्व, कूनो नेशनल पार्क और चंबल सेंचुरी जैसी जगहों पर भी रुकते हुए जा सकते हैं। इस एक्सप्रेस वे के रास्ते में यह सभी जगहें पड़ेंगी।
- राजस्थान के कोटा से आपको यूपी के इटावा पहुंचने में भी आसानी होगी। इससे जो सफर आप लगभग 12 घंटे में पूरा करते हैं। उसे पूरा करने में आपको 5 से 6 घंटे का ही समय लगेगा। कोटा में इसनए एक्सप्रेसवे को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ने की भी तैयारी चल रही है।
- यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के अलावा बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे आगरा-ग्वालियर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे से भी जोड़ा जा सकता है।
- हालांकि, अभी इस एक्सप्रेसवे का काम शुरू नहीं हो पाया है, क्योंकि मध्यप्रदेश में केवल एलाइनमेंट का काम पूरा हुआ है। भूमि अधिग्रहण का काम अभी भी लटका हुआ है।
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image credit- freepik
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