Mythological Stories: भारत के हर राज्य के लोग किसी ना किसी सब्जी को ज्यादा पसंद करते हैं। भारत के कुछ क्षेत्रों में पकीन यानि कद्दू भी बहुत पसंद किया जाता है। कद्दू को काशीफल, कुम्हड़ा, पेठा, मखना और कुछ जगहों पर भतवा कहा जाता है। जहां एक तरफ रसोई का कोई भी काम महिला कर सकती है, वहीं दूसरी तरफ महिलाएं कद्दू को काट नहीं सकती हैं। आइए जानते हैं कि आखिर महिलाओं को कद्दू ना काटने देने के पीछे की क्या कहानी है।
महिलाएं क्यों नहीं काटती कद्दू?
दरअसल भारत में ढेर सारी मान्यताओं और परंपराओं को माना जाता है। महिलाओं को कद्दू ना काटना भी इसी से जुड़ा है। मान्यताओं की मानें तो कद्दू को ज्येष्ठ पुत्र माना जाता है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ जैसे कई राज्यों में महिलाएं कद्दू नहीं काटते हैं। आदिवासी समुदाय के लोग भी इस नियम को फॉलो करते हैं।
महिलाएं क्यों नहीं फोड़ सकती कद्दू
सिर्फ कद्दू ही नहीं हिंदू धर्म में महिलाओं का नारियल फोड़ने के लिए मना किया जाता है। भारत में महिलाएं पूजा में नारियल चढ़ाती हैं, मगर इसे फोड़ नहीं सकती हैं। भारत में मान्यता हैं कि नारियल को कद्दू की तरह सात्विक पूजा में बलि का प्रतिरूप माना जाता है, इसलिए महिलाएं इसे नहीं फोड़ सकती हैं।
महिलाओं को कैसे काटना चाहिए कद्दू?
महिलाओं को कद्दू काटने से मना किया जाता है। अगर आप भी इस नियम को फॉलो करना चाहती हैं, तो आपको अपने घर में मौजूद किसी भी पुरुष को कहना होगा कि वो कद्दू में हल्का सा कट मार दें। इसके बाद आप आप कद्दू को खुद काट सकते हैं।
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