हिमालय पर्वत के ऊपर से क्यों नहीं उड़ाए जाते हैं विमान? जानिए इसके पीछे की वजह

Why Planes Avoid To Fly Over Himalayas: वेद-पुराणों में हिमालय पर्वत का जिक्र मिलता है। इसकी चोटियां बहुत ही खतरनाक मानी जाती हैं। क्या आप जानते हैं पैसेंजर प्लेन हिमालय पर्वत के ऊपर से उड़ान नहीं भरते, लेकिन क्या आप इसके पीछए की वजह जानते हैं? आइए जानें, हिमालय पर्वत के ऊपर से प्लेन क्यों नहीं उड़ते?
  • Nikki Rai
  • Editorial
  • Updated - 2025-02-19, 15:11 IST
Why Planes Avoid To Fly Over Himalayas

Why Do Planes Avoid The Himalayas: पहाड़ देखने में बहुत ही खूबसूरत होते हैं। यहां के वातावरण में बहुत ही शांति होती है। हिमालय पर्वत के बारे में तो आपने जरूर पढ़ा और सुना होगा। हिमालय के सफेद बर्फ से ढके पहाड़ देखने में जितने मनमोहक हैं, उतने ही रहस्यों से भरे हैं। बचपन से ही आपने हिमालय के बारे में कई कहानियां सुनी होंगी। हिमालय को देश का मुकुट या क्राउन भी कहा जाता है। हिमालय पर्वत भारत के प्राचीन पर्वत श्रृंखला में से एक हैं। वेद-पुराणों में हिमालय पर्वत का जिक्र मिलता है। इसकी चोटियां बहुत ही खतरनाक मानी जाती हैं। इसे लेकर कई सवाल मन में आते हैं। ऐसे ही एक सवाल है कि आखिर क्यों हिमालय पर्वत के ऊपर से विमान नहीं उड़ते। इसके ऊपर से कभी भी पैसेंजर प्लेन नहीं उड़ते। वैज्ञानिक ने इसके पीछे का कारण भी बताया है। आइए जानें, आखिर क्यों हिमालय पर्वत के ऊपर से विमान नहीं उड़ते?

मौसम है सबसे बड़ी वजह

The biggest reason is the weather

हिमालय पर्वत क्षेत्र का मौसम हर पल बदलता है। यहां का मौसम अक्सर खराब ही रहता है। विमानों की उड़ान के लिए यहां का मौसम अनुकूल नहीं है। एक पैसेंजर प्लेन में यात्रियों के हिसाब से एयर प्रेशर रखा जाता है। हिमालय में हवा की स्थिति हमेशा असामान्य रहती है। इससे यात्रियों को बहुत दिक्कत हो सकती है। इस वजह से भी विमानों का रूट हिमालय के ऊपर से नहीं रखा गया है।

ऊंचाई के कारण नहीं आते विमान

Planes don't come due to altitude

हिमालय पर्वत के ऊपर से विमान ना उड़ने की एक मुख्य वजह इनकी ऊंचाई है। इन पर्वतों की ऊंचाई लगभग 29 हजार फीट है। वहीं, हवाई जहाज औसतन 30 से 35 हजार फीट तक की ही ऊंचाई पर उड़ान भर सकते हैं। हिमालय पर्वत की ऊंचाई विमानों की उड़ान के हिसाब से काफी खतरनाक है।

ऑक्सीजन की कमी

आपातकाल की स्थिति में एक विमान के पास 20-25 मिनट तक के लिए ही ऑक्सीजन होती है। आपातकालीन स्थिति में एक विमान को केवल 8-10 हजार फीट की ऊंचाई तक ही उड़ान भरनी होती है। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकी यात्री सही से सांस ले सकें। ऊंचाई पर जाते ही ऑक्सीजन की कमी हो सकती है।

नेविगेशन की समस्या

navigation problem

हिमालय में ऊंचाई वाले स्थान पर नेविगेशन की उचित व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। हिमालय में नेविगेशन नहीं है। ऐसे में पर्वतों पर उड़ान भरते हुए विमान एयर कंट्रोल से संपर्क नहीं कर सकते। ऐसे में किसी आपातकालीन स्थिति में नजदीकी एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिग भी नहीं की जा सकती है। इससे यात्रियों की जान खतरे में आ सकती है। इस कारण से भी हिमालय के ऊपर विमान का रूट नहीं बनाया गया है।

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Image Credit:Meta AI

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