
आपने मुगल बादशाह जहांगीर के बारे में सुना होगा क्योंकि इतिहास के पन्नों में बिखरी हुई सलीम यानि जहांगीर और अनारकली की अधूरी कहानी आप सबने तो सुनी होगी, जिसे अभी तक याद किया जाता है। लेकिन क्या आपको जहांगीर और उनकी पहली बेगम मान बाई यानि शाह बेगम की अधूरी कहानी सुनी है? अगर नहीं तो आपको पता दें जहांगीर ने मान बाई से निकाह तो कर लिया था लेकिन कहा जाता है कि शादी के कुछ समय बाद ही मान बाई ने आत्महत्या कर ली थी। लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर मान बाई ने आत्महत्या क्यों थी? आइए जानते हैं।

जहांगीर, अकबर के बाद मुगल साम्राज्य का सबसे महान बादशाह था। अकबर का जन्म 31 अगस्त 1569 को सिंध फ़तेहपुर सीकरी में शेख सलीम चिश्ती की कुटिया में हुआ था, उनको सलीम जहांगीर के नाम से भी जाना जाता था। जहांगीर, अकबर मुगल बादशाह का बेटा था, जिसने अपने शासनकाल में कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कार्य करवाए। हिन्दुस्तान पर जहांगीर ने 3 नवंबर 1605 से लेकर 28 अक्टूबर 1627 शासन किया था।
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मान बाई आमेर के राजा भगवंत दास की पुत्री और राजा बिहारीमल की पुत्री थी, जिनका निकाह बेहद कम उम्र में जहांगीर से करवा दिया गया था। जहांगीर की सबसे पहली बेगम मान बाई थीं, जिन्हें शाह बेगम उर्फ मना बाई शाह बेगम यानि ‘द रॉयल लेडी’ था। हालांकि, इनका यह नाम जहांगीर से शादी करने के बाद रखा गया था। इससे पहले उन्हें आमेर की राजकुमारी मान बाई के नाम से जाना जाता था। (मुगल साम्राज्य की शक्तिशाली महिलाएं)

आपको बता दें कि सलीम यानि जहांगीर और मानबाई की शादी 13 फरवरी, 1585 शादी को हुई थी। उनकी शादी मुस्लिम और हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी और इनकी शादी मुगलों में होने वाली तबतक की सबसे बड़ी शादी थी। हालांकि, शादी के बाद जहांगीर और मान बाई बहुत खुश थे। शादी के कुछ साल बाद मान बाई ने जहांगीर के बच्चे को जन्म दिया, जिसका नाम उन्होंने सुल्तान-उन-निस्सा बेगम रखा था। इसके बाद मान बाई ने जहांगीर के शासनकाल में भी अपनी अहम भूमिका निभाई थी।

शाह बेगम यानि मान बाई की मृत्यु 16 मई सन 1604 में हुई थी। कहा जाता है कि मान बाई ने आत्महत्या की थी। इतिहास के अनुसार मान बाई ने अफीम पी लिया था। साथ ही, यह भी कहा उनके भाई जहांगीरसे अच्छा बर्ताव नहीं करते थे। इस बर्ताव से परेशान होकर मानबाई ने आत्महत्या कर ली थी।
मान बाई की आत्महत्या का जिक्र जहांगीरनामा में भी मिलता है कि उन्होंने अफीम पीकर आत्महत्या कर ली थी। हालांकि, इसके पीछे कोई खास वजह तो नहीं बताई लेकिन जहांगीरनामा में इस बात का उल्लेख किया गया है कि मान बाई थोड़ी मानसिक रूप से बीमार थीं और उन्होंने बेहद कम उम्र में ही शराब पीना शुरू कर दिया था। वह मानसिक रूप से अपने परिवार वालों के बर्ताव से परेशान थीं।
जहांगीरनामा में उल्लेख मिलता है कि मुझे यानि जहांगीर को समय-समय पर उनके वालिद साहब और भाइयों से पता चलता रहता था कि मान बाई मानसिक रूप से बीमार हैं। साथ ही, वह खुसरो और अपने भाई मानसिंह के बर्ताव को लेकर परेशान रहती हैं। एक दिन इसी कशमकश में उन्होंने अफीम पी लिया और आत्महत्या कर ली थी।

जब राजकुमारी ने आत्महत्या कर ली थी, तो बादशाह जहांगीर ने उनके अवशेष इलाहाबाद के एक मकबरे में दफन कर दिए थे। आज इस मकबरे को शाह बेगम का मकबरा और खुसरो बाग के नाम से भी जाना जाता है।(अनारकली का मकबरा) कहा जाता है कि यह खूबसूरत मकबरा लगभग सन 1606-07 में बनकर तैयार हुआ। इस मकबरे का निर्माण ‘अका रेज़ा’ नामक कलाकर ने किया था। यह मकबरा बहुत ही खूबसूरत है और आप यहां कई सारी चीजों का लुत्फ उठा सकते हैं।
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