आपको पता है सांप की जीभ के दो हिस्से क्‍यों होते हैं? जान लीजिए जवाब

Interesting Facts About Snakes Toungue: आपने भी देखा होगा कि सांप की जीभ के दो सिरे होते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर इसके जीभ दो भागों में क्यों बंटे होते हैं। अगर नहीं, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं।
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Snake Tongue Fact In Hindi: धरती पर मौजूद इंसान से लेकर जीव-जंतुओं तक सभी की अपनी अलग बनावट होती है। किसी के हाथ और पैर तो किसी के पास पूंछ होती हैं। कई जीव तो ऐसे भी हैं, जिनके कान नहीं होते हैं। वहीं, पृथ्वी पर मौजूद जंतुओं में एक जीव सांप भी है, जिनकी शारीरिक बनावट औरों से अलग है।

आपने देखा होगा कि सांप की जीभ अन्य के मुकाबले थोड़े अलग होते हैं। यह दो हिस्सों में बंटे होते हैं, लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि सांप की जीभ हमेशा दो हिस्से में ही क्यों बंटी होती है? इसको लेकर लोगों का अपना अलग-अलग कहना है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। इसी के साथ आइए जानते हैं कि सांप की जीभ दो हिस्सों में क्यों बंटी होती है।

डायनासोर से है सांप का कनेक्शन

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यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टीकट में इकोलॉजी और इवोल्यूशनरी बायोलॉजी के प्रोफेसर कर्ट श्वेंक कहते हैं कि सांप की जीभ दो हिस्सों में बंटे होने का संबंध डायनासोर के जमाने से जुड़ा है। कहा जाता है कि उस समय इन भयावह जीवों के पैरों के नीचे आने से बचने के लिए सांप अधिकतर मिट्टी के गड्ढे में या किसी बिल में छिपकर रहते थे। रोशनी के बिना इनकी दृष्टि भी धुंधली हो जाती है। ऐसे में, उनकी जीभ ही इनके लिए एक प्रकार का सुरक्षा कवच का काम करती हैं।

दो हिस्सों में क्यों बंटी होती है सांप की जीभ?

सांप की जीभ के दो हिस्से होना उनकी एक अद्भुत विशेषता है। इसकी जीभ को वोमेरोनेजल अंग कहा जाता था, जिसका पता साल 1900 के बाद चला था। यह अंग रेंगने वाले जीवों में पाया जाता है। यह अंग सांप की नाक के चेंबर के नीचे होता है। ऐसे में, जब सांप अपने जीभ को हवा में निकालकर लहराता है, तो बाहर की गंध के कण जीभ पर चिपक जाते हैं और सांप को पता चल जाता है कि आगे क्या है।

जीभ, गंध को पहचानने की क्षमता रखते हैं। ये कण जब सांप के मुंह में जाते हैं तो उनके दिमाग में यह संदेश पहुंच जाता है कि आगे खतरा है या खाने लायक कोई जीव। सांप जब हवा में अपनी जीभ लहराता है तो वह इसके दोनों सिरों को काफी दूर तक अलग रख करके लहराते हैं, जिससे कि ज्यादा बड़े क्षेत्र और दिशा से गंध को पहचान सकें।

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दो अलग अलग गंध को पहचानने में करती है मदद

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दो हिस्सों में बंटी सांप की जीभ भी ठीक वैसे ही काम करती है जैसे हमारे दोनों कान। ये दोनों हिस्से अलग-अलग गंध भी महसूस कर सकते हैं। जिस तरह हमारे कान अलग-अलग दिशा से आती हुई आवाज को समझ लेते हैं और उनकी दिशा भी पता कर सकते हैं। ठीक इसी तरह सांप भी दोनों हिस्सों की मदद से समझ सकता है कि किस ओर खाना है और किस ओर खतरा या उसे किस ओर जाना चाहिए। सांप अपनी जेब की मदद से ही प्रजनन के लिए मादा की गंध पहचानता है।

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सर्वाइवल के लिए जीभ है जरूरी

सांप हवा में ऊपर और नीचे की तरफ तेजी से जीभ को लहराता है। कई बार तो जीभ का एक हिस्सा ऊपर तो दूसरा नीचे जा रहा है। ऐसा सांप तब करता है जब उसे ज्यादा क्षेत्र की गंध लेनी होती है। क्योंकि ऐसा करने पर इनकी जीभ हवा में एक पंख जैसा आकार बना देती है। जीभ के दोनों हिस्सों से अलग-अलग तरह की गंध जमा करते हैं, जिससे सांप को इस बात की जानकारी हो जाती है कि किस दिशा में उन्हें फायदा होगा और किधर खतरा है। इसलिए सांप के सर्वाइवल के लिए इसकी जीभ एक बहुत जरूरी हिस्सा है।

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Image credit- Freepik


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