10 रुपये का सिक्का अक्सर ही सुर्खियों का हिस्सा बना रहता है। ऐसा इसलिए, भारत में एक या दो नहीं बल्कि 14 तरह के 10 रुपये के सिक्के प्रचलन में हैं। जिन्हें लेकर लोग कंफ्यूजन में भी रहते हैं कि कौन-सा असली है और कौन-सा नकली। हालांकि, लोगों की कंफ्यूजन को दूर करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अलर्ट भी जारी करता रहता है। लेकिन, आज हम यहां 10 रुपये का कौन-सा सिक्का असली है और कौन-सा नकली इस बारे में नहीं, बल्कि उसका बाहरी हिस्सा पीले रंग का क्यों होता है इस पर बात करने जा रहे हैं।
जी हां, भारत में जितने भी सिक्के प्रचलन में हैं उनमें से सबसे ज्यादा अलग 10 रुपये का सिक्का देखने को मिलता है। इस सिक्के का बाहरी गोल हिस्सा पीले रंग का होता है और अंदर का हिस्सा चांदी का दिखाई देता है। लेकिन, अगर आपके मन में ऐसा सवाल आता है कि 10 रुपये के सिक्के में दो तरह के मेटल यानी धातु से क्यों तैयार किया जाता है। साथ ही इसमें कौन-कौन सी धातु इस्तेमाल होती है, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है।
10 रुपये का सिक्का दो तरह की धातु से बना है और इसी वजह से इसे द्विधात्विक सिक्का यानी Bimetallic Coin भी कहा जाता है। 10 रुपये के सिक्के में बीच का हिस्सा कूप्रो-निकेल नाम की धातु से बनाया जाता है, जिसकी वजह से इसकी चमक चांदी की तरह होती है। हालांकि, इसमें चांदी का इस्तेमाल नहीं होता है। वहीं दस रुपये के सिक्के का बाहरी हिस्सा बनाने में एल्यूमिनियम कांस्य यानी Aluminum Bronze का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी वजह से इसका बाहर का हिस्सा पीले रंग का होता है।
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एल्यूमिनियम ब्रोंज के साथ पीले हिस्से में 92 प्रतिशत तांबा, 6 प्रतिशत एल्यूमिनियम और 2% निकेल का इस्तेमाल होता है। इन सभी धातुओं के मिक्सचर को एल्यूमिनियम कांस्य कहा जाता है।
10 रुपये के सिक्के में दो धातुओं का इस्तेमाल करने के पीछे टिकाऊपन, सुरक्षा और गलत करेंसी के बचाव के लिए किया गया है। आइए, इस बारे में यहां डिटेल से जानते हैं।
भारत में सिक्के सरकार जारी करती है। ऐसे में कई बार सवाल उठता है कि किसी भी वैल्यू का सिक्का बनाने में कितना खर्च आता है। बता दें, हर सिक्के को बनाने का अलग-अलग खर्च आता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि हर सिक्के की शेप, वजन और उसमें इस्तेमाल होने वाली धातु अलग-अलग होती है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2018 में आरबीआई ने खुद 10 रुपये का सिक्का बनाने की लागत बताई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो एक 10 रुपये का सिक्का बनाने में सरकार को 5.54 रुपये का खर्च आता है। वहीं, 1 रुपये का सिक्का बनाने में 1.11, 2 रुपये का सिक्का 1.28 और 5 रुपये का सिक्का 3.69 का खर्च आता है।
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