भारत का इतिहास बहुत ही समृद्ध रहा है और इस विशाल देश में ऐसे कई राजा हुए हैं जिन्हें इतिहास में नाम हासिल हुआ है। पर इस देश की रानियां भी वीरता और बुद्धि के मामले में कम नहीं रही हैं। इससे पहले भी हम आपको भारत के इतिहास से जुड़ी वीर रानियों की गाथा सुना चुके हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको बताने जा रहे हैं सम्राट अशोक की पत्नी महारानी देवी के बारे में। शायद आपने देखा हो कि शाहरुख खान की फिल्म 'अशोका' में हर्षिता भट्ट ने देवी का किरदार निभाया था।
हमेशा सम्राट अशोक के साथ उनकी प्रियसी और बाद में बनी पत्नी कौरवकी का नाम लिया जाता है, लेकिन महारानी देवी की गाथा भी कुछ कम मशहूर नहीं है। महारानी देवी को बौद्ध धर्म की प्रचारक माना जाता है और उनके बच्चे भी श्रीलंका में बौद्ध धर्म के प्रचारक रहे और उनकी बेटी संघमित्रा तो इतनी मशहूर हुईं कि उनके नाम पर कई जगह देखी जा सकती हैं। चलिए आज बात करते हैं महारानी देवी के बारे में।
कौन थीं महारानी देवी?
महारानी देवी या सिर्फ देवी सम्राट अशोक की पहली पत्नी थीं और उनके तीन बच्चों उन्नेंद्र, महेंद्र और संघमित्रा की मां थीं। श्रीलंका से जुड़ी लोक कथाओं की मानें और भारतीय इतिहास को देखें तो दोनों ही जगह देवी को वेदिसागिरी (मौजूदा समय में विदिशा) के एक व्यापारी की बेटी माना जाता है।
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जब सम्राट अशोक विदिशा गए थे और वहां का कार्यभार संभाल रहे थे तब देवी से उनकी शादी हुई थी। देवी को शाक्य कुमारी भी कहा जाता था क्योंकि वो शाक्या कुटुंब की थी। सम्राट अशोक और देवी की शादी को प्यार से जोड़कर भी देखा जाता है क्योंकि उस दौरान पाटलिपुत्र के राजकुमार के लिए कोई साधारण लड़की नहीं चुनी जाती।
सम्राट अशोक और देवी की शादी और अलगाव
सम्राट अशोक और देवी की शादी तब हुई थी जब वो सिर्फ 18 साल के थे और उस वक्त ऐसा माना जाता था कि अशोक के पास दिल नहीं है और इसलिए उन्हें उज्जैन के करीब भेजा गया था ताकि वो वहां पर हालात को ठीक कर सकें। उस वक्त इस पत्थर दिल जनरल को एक आम लड़की से प्यार हो गया था और वो थी देवी।
देवी और सम्राट अशोक के रिश्ते को बहुत खास माना जाता है। फिल्म में भी आपको दिखाया गया होगा कि देवी और अशोक के बीच दोस्ती भी बहुत गहरी थी। देवी और अशोक के तीन बच्चे हुए और पहले दो महेंद्र और संघमित्रा धर्म प्रचारक बने। हालांकि, देवी सम्राट अशोक को बौद्ध धर्म की ओर लेकर जाने में असमर्थ रहीं।
अशोक को एक समय बाद पाटलिपुत्र लौटना था और ऐसे में देवी और उसके बच्चों को छोड़ वो चले गए। उस दौरान एक आम परिवार से ताल्लुक रखने वाली लड़की राजकुमार की पत्नी नहीं हो सकती थी। यही समय था जब अशोक की दूसरी शादी हुई और राजकुमारी असंधिमित्रा को उनकी पत्नी बनाया गया। वो अशोक की पहली रानी के तौर पर देखी जाती हैं, लेकिन पहली पत्नी के तौर पर नहीं।
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देवी और सांची स्तूप
देवी का जन्म स्थान विदिशा था और अशोक और देवी की शादी का भी। ऐसे में देवी ने सांची और विदिशा के कई पौराणिक स्थलों को बनवाया था और एक विहार भी बनवाया था। शायद यही कारण है कि सम्राट अशोक ने सांची को चुना और सांची स्तूप जैसी बेहद सुंदर कलाकृति बनाई गई। क्योंकि देवी हमेशा से बौद्ध धर्म को मानती थीं इसलिए विदिशा को बौद्ध धर्म के लिए इतना महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है।
महारानी देवी को धार्मिक महिला माना जाता है और उनकी पहचान भी इसी तरह बताई जाती है। आप भारत की किस महारानी के बारे में जानना चाहती हैं इसके बारे में हमें कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Screengrabs from Movie Ashoka, Shutterstock
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