
शादी का सीजन शुरू हो चुका है और जगह-जगह मांगलिक कार्यों की तैयारियां चल रही हैं। जब भी बात मांगलिक कार्यों की आती है, विशेष रूप से विवाह की तो ऐसे में अशोक के पेड़ का बहुत महत्व माना जाता है। अशोक के पेड़ की पत्तियों से ही तोरण बनाई जाती है और घर के मुख्य द्वार पर उसे लगाया जाता है। वहीं, अशोक के पेड़ को देवी सीता से भी जोड़ा जाता है क्योंकि रावण ने उन्हें लंका में अशोक वाटिका में ही रखा था और उसी वाटिका में हनुमान जी ने उन्हें श्री राम का संदेश दिया था जिससे उनका शोक दूर हुआ।
इसलिए, यह माना जाता है कि अशोक के पत्तों में नकारात्मक ऊर्जा को सोखने और घर में सुख-शांति तथा समृद्धि लाने की अद्भुत शक्ति होती है। विवाह, गृह प्रवेश या किसी भी अन्य शुभ अनुष्ठान के दौरान इन पत्तों का उपयोग करने से मांगलिक कार्यों में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और सभी कार्य सफलतापूर्वक बिना किसी रुकावट के पूरे होते हैं। यह वृक्ष प्रेम और खुशी का प्रतीक भी माना जाता है। इसी कड़ी में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि अशोक की पत्तियों से जुड़े अगर कुछ सरल उपाय किये जाएं तो इससे आपकी शादी का शुभ कार्य बिना किसी रुकावट के पूरा हो जाएगा।
किसी भी शुभ अवसर, त्योहार या मांगलिक कार्य के दौरान घर के मुख्य द्वार पर अशोक के पत्तों का तोरण बनाकर लगाएं। ताजे अशोक के पत्तों को एक धागे में पिरोकर माला बनाएं और इसे घर के प्रवेश द्वार के ऊपर लगाएं। यह तोरण नकारात्मक ऊर्जा को घर में आने से रोकता है और बाहर से सकारात्मकता तथा लक्ष्मी को आकर्षित करता है जिससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

घर की नकारात्मकता को दूर करने और शुद्धि के लिए। एक बर्तन में पानी लें और उसमें अशोक की कुछ पत्तियां डाल दें। इस जल को पूरे घर में, खासकर हर कोने में छिड़कें। पत्तों का उपयोग करके ही यह छिड़काव करना अधिक प्रभावी माना जाता है। यह उपाय घर के वातावरण को शुद्ध करता है, कलह-क्लेश को शांत करता है और मानसिक तनाव को कम करता है।
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किसी भी पूजा, कथा या शुभ अनुष्ठान की शुरुआत में कलश की स्थापना करते समय। कलश में जल भरकर उसके मुख पर पांच या सात अशोक के पत्ते रखें और फिर उसके ऊपर नारियल रखें। यह पूजा को बाधा रहित बनाता है और देवतागण को आमंत्रित करने का एक पवित्र माध्यम बनता है। अगर आप किसी विशेष इच्छा की पूर्ति चाहते हैं या किसी काम में बार-बार बाधा आ रही है।

मंगलवार या गुरुवार के दिन सुबह स्नान के बाद अशोक के कुछ पत्ते तोड़कर लाएं। उन पत्तों को गंगाजल या शुद्ध जल से धोकर अपनी मनोकामना मन में दोहराते हुए उन्हें किसी पवित्र नदी या बहते जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा माना जाता है कि आपकी इच्छा जल्द पूरी होती है और कार्यों की रुकावटें दूर होती हैं। आपको बुरा सपना आता है, मन में अज्ञात भय रहता है या स्वास्थ्य संबंधी कोई चिंता है।
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रात को सोने से पहले अशोक की पांच पत्तियां अपने तकिए के नीचे रखें। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करके आपको शांतिपूर्ण नींद देता है और मन से भय को समाप्त करता है। पत्तियों को अगले दिन किसी पेड़ के नीचे रख देना चाहिए। विवाह में देरी या किसी मांगलिक दोष को शांत करने के लिए। नहाने के पानी में अशोक की कुछ पत्तियां मिलाकर उस जल से स्नान करें।
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