हमारे देश में लगभग 25 से अधिक बौद्ध मठ हैं, जहां बौद्ध संस्कृति और परंपराओं को सीखा जा सकता है। ये सभी मठ देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित हैं, जो भारत में फैली बौद्ध धर्म के इतिहास को दर्शाता है। अरुणाचल प्रदेश से लेकर लद्दाख तक कई ऐसे बौद्ध मठ हैं जो अपनी संरचना के लिए जाने जाते हैं। बेहद खूबसूरत तरीके से निर्मित यह सभी बौद्ध मठ आपको शांति का अनुभव कराएंगे। तो चलिए इनमें से कुछ सबसे खास बौद्ध मठों के बारे में जानते हैं।
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तवांग मठ, अरुणाचल प्रदेश
तवांग मठ भारत के अरुणाचल प्रदेश (अरुणाचल प्रदेश घूमने जाएं तो इन्हें विजिट करें) राज्य में मौजूद देश का सबसे बड़ा और सबसे प्रसिद्ध बौद्ध मठ है। ल्हासा के पोताला महल के बाद यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मठ है। यह मठ तवांग नदी की घाटी में तवांग कस्बे के निकट स्थित है। समुद्र तल से दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित इस मठ को 'गालडेन नमग्याल लहात्से' के नाम से भी जाना जाता है। यहां एक लाइब्रेरी है जिसकी संरचना झोपड़ी जैसी है और इसमें बुद्ध की छवि और पवित्र ग्रंथ मौजुद है।
फुगताल मठ, लद्दाख
लद्दाख (कम बजट में जाएं लद्दाख) की दुर्गम पहाड़ियों में बना फुकताल मठ अपनी संरचना के लिए जाना जाता है क्योंकि इसकी संरचना शहद के छत्ते जैसी दिखती है। गुफाओं में छिपे इस मठ का इतिहास पच्चीस सौ साल पुराना है। इस मठ में करीब 200 बौद्ध भिक्षु रहते हैं। स्मारक के अलावा यहां कमरे और लायब्रेरी भी मौजूद है। यहां पहुंचना काफी मुश्किल भरा काम है क्योंकि एक गहरी गुफा में बने इस मठ के ठीक सामने काफी गहरी खाई है। ऐसे में यहां पहुंचने के लिए लोगों को नदी पर बने सस्पेंशन पुल का इस्तेमाल करना पड़ता है। करीबी कस्बे पादुम से तीन दिन तक ट्रैक करके आप यहां पहुंच सकती हैं। जुलाई से सितंबर के महीने में यहां घूमने के लिए सबसे बेहतर समय है।
रुमटेक मठ, सिक्किम
रुमटेक मठ सिक्किम की राजधानी गंगटोक के निकट स्थित है और इसे धर्म चक्र केंद्र के रूप में भी जाना जाता है। राजधानी गंगटोक के पास बना रूमटेक मठ सिक्किम का सबसे बड़ा मठ है, जहां भारी संख्या में बौद्ध भिक्षु रहते हैं। आपके लिए इसके खूबसूरत नजारों का अनुभव करना अद्भुत होगा।
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मिन्ड्रोलिंग मठ, देहरादून
भारत के सबसे खूबसूरत मठों में से एक है मिन्ड्रोलिंग मठ। उत्तराखंड के देहरादून (जानें देहरादून की खासियत) में स्थित यह मठ पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इस मठ का निर्माण 1676 में रिग्जिन टेरडक लिंगपा ने कराया था। यहां 107 फीट की ऊंचाई पर भगवान बुद्ध की मूर्ति स्थित है, जो भारत का सबसे ऊंचा स्तूप है। यहां लगभग 300 बौद्ध भिक्षु रहते हैं और यही वजह है कि यहां बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग अधिक संख्या में आते हैं। अगर देहरादून घूमने का मौका मिले तो यहां की सैर जरूर करें।
थिकसे मठ, लद्दाख
लेह से लगभग 19 किलोमीटर दूर मध्य लद्दाख में स्थित थिकसे मठ में मैत्रेय की 49 फीट ऊंची मूर्ति बनी हुई है। इस मठ को तिब्बत के पोटाला पैलेस के आधार पर बनाया गया है, इसमें दस मंदिर और एक असेंबली हॉल है। पहाड़ी की चोटी पर बसा यह मठ करीब बारह मंजिल का है। यहां बौद्ध अवशेष जैसे टोपी, प्राचीन थंगका, बड़ी तलवारें, पुराने स्तूप और भी काफी कुछ मौजूद है। आपको बता दें यहां सौ से ज्यादा बौद्ध भिक्षु और नन रहते हैं।
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तो अगर अगली बार आपका इनमें से किसी जगह घूमने का प्लान बने तो आप इन मठों को देखे बिना वापस ना आएं। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो जुड़ी रहिए हमारे साथ। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए पढ़ती रहिए हरजिंदगी।
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