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Who Tightens The Nuts And Bolts Of Train Tracks

ट्रेन की पटरियों के नट बोल्ट कौन टाइट करता है? जानिए कैसे किया जाता है इनका रखरखाव

Who Tightens The Nuts And Bolts Of Train Tracks: रेलवे ट्रैक से दिनभर में कितनी ही ट्रेन गुजरती हैं। ऐसे में पटरी पर लगे नट बोल्ट ढीले हो जाते हैं। अब सवाल यह बनता है कि आखिर पटरी पर लगे नट बोल्ट को टाइट कौन करता है? 
Editorial
Updated:- 2025-05-14, 10:57 IST

Who Controls The Train Tracks: भारतीय रेलवे रोजाना बड़ी संख्या में लोगों के सफर को आसान बनाता है। मीडिस क्लास लोगों से लेकर आर्थिक तौर पर कमजोर यात्रियों तक सभी लोग ट्रेन का सफर करते हैं। अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए लोग सैकड़ों किलोमीटर का सफर ट्रेन के जरिए तय करते हैं। ट्रेन लाखों यात्रियों को देशभर में यहां से वहां पहुंचाने के लिए पटरियों पर दिन-रात दौड़ती हैं। 

पटरियों पर दिन-रात ट्रेन दौड़ती हैं। इनकी वजह से पटरी के नटबोल्ट ढीले हो जाते हैं। अगर वक्त रहते इन नट बोल्ट को टाइट ना किया जाए, तो बड़ा एक्सीडेंट हो सकता है। ऐसे में सवाल ये बनता है कि आखिर इन नट बोल्ट्स को टाइट कौन करना है? आइए जानें, रेल की पटरियों के नट बोल्ट कौन टाइट करता है?

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विशेष उपकरणों का होता है इस्तेमाल?

Is special equipment used

रेलवे ट्रैक के मेंटेनेंस कर्मचारी पटरी के नट और बोल्ट को कसने के लिए टॉर्क और रिंच जैसे विशेष उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं। पटरी को संभालने वाले इन कर्मचारियों को गैंगमैन कहा जाता है। रेलवे के यही कर्मचारी नटबोल्ट को कसते हैं और रेल यात्रा को सुरक्षित बनाते हैं। ट्रैक की स्थिरता सुनिश्चित करना इन्हीं गैंगमैन की जिम्मेदारी होती है। ये कर्मचारी ध्यान रखते हैं कि कोई भी ट्रेन किसी गलती के कारण पटरी से ना उतर जाए। 

नट बोल्ट क्यों टाइट किए जाते हैं?

ट्रैक की सुरक्षा के लिए नट बोल्ट को टाइट करना बहुत ही जरूरी होता है। नट बोल्ट को टाइट करने से सुरक्षित ट्रेन संचालन के साथ-साथ ट्रैक को टूटने से भी बचाया जा सकता है। रेलवे ट्रैक का रखरखाव ट्रैक मेंटेनेंस क्रू करता है। यही ट्रैक मेंटेनेंस क्रू  ट्रैक के रखरखाव प्रक्रियाओं में प्रशिक्षित होते हैं। ट्रैक के इन फास्टनरों को कसने का काम यही लोग संभालते हैं।

दो पटरियों को जोड़ते हैं नट बोल्ट

यह विडियो भी देखें

Nut bolts connect the two tracks

रेल की पटरियों में फास्टनर्स होते हैं, जिनमें बोल्ट, नट और फिटप्लेट लगाए जाते हैं। ये दो पटरियों को आपस में मजबूती से जोड़ने का काम करते हैं। इन्हीं की मदद से ट्रैक अपनी जगह पर फिक्स रहते हैं और इधर-उधर हिलते नहीं हैं। लगातार ट्रेन के चलने से वाइब्रेशन और डायनमिक लोड बढ़ता है। इसकी वजह से हर सेकेंड पटरी के नट बोल्ट ढीले होने का खतरा रहता है। ऐसे में इन्हें समय से कसना और इनका रखरखाव बहुत जरूरी है। बहुत सी जगहों पर रेलवे हार्डलॉक नट का इस्तेमाल करती है, जो वाइब्रेशन से नट को ढीला होने से रोकते हैं। 

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Image Credit:freepik/her zindagi

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