अगर आपसे पूछा जाए दुनिया भर में सबसे ज्यादा फेमस कौन सी कॉफी चेन है तो आपका जवाब क्या होगा? शायद आप भी स्टारबक्स की कॉफी को याद करेंगी। ये कॉफी चेन पूरी दुनिया में फेमस है और एक रिपोर्ट के मुताबिक 84 देशों में इस कॉफी चेन ब्रांड के 34,630 स्टोर मौजूद हैं। ये सिर्फ कॉफी ही नहीं बेचती बल्कि स्टारबक्स मर्चेंडाइज भी बहुत फेमस है। पर सभी में एक चीज कॉमन है और वो है इस कंपनी का लोगो। एक लड़की की शक्ल वाला ये लोगो इस कंपनी की पहचान है। पर क्या आपको पता है ये लड़की कौन है?
हर कंपनी की तरह स्टारबक्स के लोगो डिजाइन के पीछे भी एक कहानी है। आपको शायद पता ना हो, लेकिन स्टारबक्स के लोगो का जुड़ाव ग्रीक माइथोलॉजी से है। जी हां, इसके लोगो पर बनी हुई आकृति किसी आम लड़की की नहीं है। तो चलिए आज आपको बताते हैं स्टारबक्स के लोगो के पीछे की कहानी।
ये असल में कोई लड़की नहीं बल्कि एक जलपरी है। जी हां, ये कलाकृति जलपरी की है जिसे साइरन कहा जाता है। अगर आप ध्यान से स्टारबक्स के कुछ लोगो देखेंगी तो ये डबल टेल वाली मर्मेड है। स्टारबक्स कंपनी का नाम भी पहले कुछ और था। ये एक सीपोर्ट (बंदरगाह) से जुड़ी हुई कंपनी थी।
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स्टारबक्स हमेशा से स्टारबक्स नहीं थी। 1971 में कंपनी की पहली दुकान सिएटल शहर के बंदरगाह रप खुली थी। तब इसका नाम पिक्वोड (Pequod) था जो एक जहाज के ऊपर रखा गया था। पर ये नाम ज्यादा फेमस नहीं हुआ और फिर इसका नाम बदलकर स्टारबक्स रखा गया। एक एक्स्ट्रा S शिप के चीफ ऑफिसर के नाम पर रखा गया था।
अब जब कंपनी का नाम जहाज के नाम पर रखा गया था, इसकी पहली दुकान बंदरगाह पर थी तो फिर इसका लोगो भी नेवल थीम का होना चाहिए था। यही कारण है कि जलपरी को चुना गया।
ग्रीक माइथोलॉजी में साइरेन्स का बहुत महत्व था। कहानियों के मुताबिक नाविकों को जलपरियों की आवाज ही अपनी ओर आकर्षित करती थीं और वो उन्हें अपने आईलैंड पर ले जाती थीं। इसके मालिक को लगा कि स्टारबक्स का लोगो भी यही करेगा और नाविकों को अपनी ओर खींचेगा।
तब पहला लोगो डिजाइन किया गया जो कॉफी ब्राउन रंग का ही था। उसमें जलपरी का डिजाइन इतना साफ था कि उसके ब्रेस्ट भी दिख रहे थे। शुरुआती लोगो में कॉफी, चाय और मसाले जैसे शब्द भी लिखे हुए थे जो ये बताते थे कि कंपनी क्या ऑफर करती है।
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1987 में इस कंपनी को एक अमेरिकी बिजनेसमैन हावर्ड शल्ट्ज़ ने खरीद लिया। उन्होंने एक अमेरिकन आर्टिस्ट और ग्राफिक डिजाइनर को चुना और मर्मेड का मेकओवर कर दिया। इसका लोगो ब्राउन से बदलकर ग्रीन हो गया। उसके ब्रेस्ट को बालों से कवर कर दिया गया और चाय, मसालों जैसे शब्द हटा दिए गए। इसके बाद लोगो के कवर में स्टारबक्स कॉफी लिख दिया गया।
इसके बाद, 1992 में एक बार फिर से ओरिजनल लोगो को बदला गया और जलपरी के चेहरे को जूम किया गया। उसकी नाभि को छुपाया गया और पूंछ को थोड़ा ढक दिया गया। 2008 में कंपनी की 40वीं एनिवर्सरी से पहले एक बार फिर इस लोगो को बदला गया। उस वक्त लोगो का रंग ब्लैक किया गया, लेकिन पब्लिक को ये पसंद ना आया। इसके बाद फिर से जलपरी को हरा रंग दिया गया।
2011 में जलपरी को ही सबसे ज्यादा महत्व दिया गया। इस समय तक लोग उस लोगो से स्टारबक्स कंपनी को पहचानने लगे थे इसलिए नाम हटा दिया गया। इस वक्त तक जलपरी को प्रिंसेज लुक मिल चुका था और उसके बालों के ऊपर एक क्राउन भी दिख रहा था।
ये लोगो अभी तक चल रहा है और थोड़े बहुत बदलाव के साथ हमेशा रिब्रांड होता है। अब स्टारबक्स कंपनी की पहचान ही उसका लोगो बन गया है। तो ये थी स्टारबक्स की कहानी।
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