Who is Shantanu Naidu: देश के जाने-माने उद्योगपति और महान शख्सियत रतन टाटा ने कल रात इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। वह 86 साल के थे और कल देर रात उन्होंने ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। वह आईसीयू में एडमिट थे और उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। उनके किए गए महान कामों और उनके दिल छू लेने वाले व्यक्तित्व की वजह से पूरा देश उनके जाने से सदमे मे है और उन्हें दिल से श्रध्दांजलि दे रहा है। देश के एक महान रत्न खो दिया है और इसलिए, बड़ी-बड़ी दिग्गज हस्तियां उनके निधन पर शोक व्यक्त कर रही हैं और उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रही हैं। उनका पार्थिव शरीर नरीमन पॉइंट स्थित नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (NCPA) में रखा गया है। आज शाम को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके अंतिम सफर में हर पल उनके साथ नजर आ रहे शख्स शांतनु नायडू के बारे में सब जानना चाहते हैं। शांतनु ने उन्हें श्रध्दांजलि देते हुए पोस्ट में 'अलविदा, मेरे प्यारे लाइटहाउस!' लिखा। शांतनु पहले भी अक्सर सर रतन टाटा के संग नजर आ चुके हैं और इस वक्त भी वह नम आंखों से अपना फर्ज निभा रहे हैं। चलिए, आपको बताते हैं कि रतन टाटा जी के 55 साल छोटे यह दोस्त कौन हैं।
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शांतनु, रतन टाटा के मैनेजर और निजी सहायक के पद पर कार्यरत हैं। साल 1993 महाराष्ट्र के पुणे में जन्मे शांतनु नायडू, टाटा ट्रस्ट में डिप्टी जीएम के पद पर भी हैं। वह अक्सर रतन टाटा के संग नजर आते थे और इसलिए काफी चर्चा में रहते थे। रतन टाटा के कंधे पर हाथ रखकर उनकी खिचवाई एक फोटो काफी वायरल भी हुई थी। रतन टाटा की तरह शांतनु भी एक पशु प्रेमी हैं। उनकी एक संस्था भी है जिसका नाम मोटोपॉज है, जो जानवरों के लिए काम करती है। उन्होंने सड़क पर घूमने वाले कुत्तों के लिए एक खास तरह के कॉल बनाए थे, जिन पर ऐसे रिफ्लेक्टर होते थे जो गाड़ियों की रफ्तार से उनकी जान बना सके। इस नई सोच की वजह से रतन टाटा का ध्यान शांतनु की तरफ गया और उन्होंने शांतनु को मुंबई बुलाकर अपनी कंपनी में काम करने का ऑफर दिया। वक्त के साथ दोनों का रिश्ता और मजबूत होता गया। शांतनु खुद एक बिजनेस मैन, लेखक और इंफ्लुएंसर भी हैं।
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रिपोर्ट्स की मानें तो शांतनु के परिवार के और भी कई लोग टाटा समूह से जुड़े हैं। रतन टाटा और शांतनु की पहचान साल 2014 से हुई और शांतनु साल 2017 से टाटा ग्रुप से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से एमबीए किया है। शांतनु नायडू ने अपनी किताब “I Came Upon a Lighthouse” में रतन टाटा के साथ अपनी दोस्ती और उनके व्यक्तित्व के बारे में काफी कुछ लिखा है। वह रतन टाटा जी अपना मेंटर मानते हैं।
रतन टाटा सर भले ही इस दुनिया से जा चुके हैं लेकिन, वह हमेशा सभी के दिलों में रहेंगे और देश उन्हें हमेशा याद रखेगा। अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।
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