Income Tax Return 2025: अपनी इनकम के हिसाब से चुनें ITR फॉर्म, फाइल करते वक्त न करें ये 2 गलतियां

इनकम के हिसाब से यदि आप आईटीआर फाइल करने वाले हैं तो पहले ये जान लें कि आपके लिए कौन-सा आईटीआर फॉर्म अच्छा है। साथ ही फॉर्म को भरते वक्त किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है... 
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How to choose ITR-1, 2, 3, 4? भारत के हर नागरिक को अपनी इनकम के हिसाब से आईटीआर यानी इनकम टैक्स रिटर्न जरूर फाइल करनी चाहिए। बता दें कि आइटीआर फॉर्म्स भी कई तरह के होते हैं। ऐसे में यह आपकी सैलरी पर निर्भर करता है कि आपके लिए कौन-सा फॉर्म भरना सही रहेगा। यदि आप भी ये जानना चाहते हैं कि आपकी इनकम के हिसाब से आपको कौन-सा आईटीआई फॉर्म भरना चाहिए, तो ये लेख आपके काम आ सकता है। जानते हैं आपको कौन-सा फॉर्म भरने की जरूरत है...

कितने तरह के होते हैं ITR Forms?

बता दें कि आइटीआर फॉर्म्स कुल 7 प्रकार के होते हैं। ऐसे में आप अपनी इनकम के आधार पर इन्हें भर सकते हैं। जानते हैं-

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  • आईटीआर-1 (SAHAJ): बता दें, जिनकी कुल इनकम 50 लाख रुपये तक है, वे इस फॉर्म को भर सकते हैं। हालांकि इसे एनआरआई नहीं भर सकते हैं।
  • आईटीआर-2: जिन लोगों की इनकम 50 लाख रुपये से अधिक है, उनके लिए ये फॉर्म है।
  • आईटीआर-3: बिजनेस या प्रोफेशन से आय कमाने वाले व्यक्ति के लिए ये फॉर्म है। डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट इन्हीं में शामिल हैं।

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  • आईटीआर-4 (Sugam): इसे हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF), फर्म (इसमें LLP शामिल नहीं) और व्यक्ति फाइल करते हैं, जो अनुमानित कराधान योजना (Presumptive Taxation Scheme) का विकल्प चुनते हैं। बता दें कि ये फॉर्म स्मॉल टैक्सपेयर्स के लिए है। हालांकि, 2 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वालों के लिए ITR-3 फॉर्म है।
  • आईटीआर-5: इस फॉर्म को पार्टनरशिप फर्म (partnership firms), लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप(LLP), एसोसिएशन ऑफ पर्सन(AOP), बॉडी ऑफ इन्टीविजुअल्स(BOI), ट्रस्ट्स, कॉर्पोरेटिव सोसाइटी, आर्टिफिशियल जुरीशियल पर्सन(AJP), लोकल अथॉरिटीज, बिजनेस ट्रस्ट और इन्वेस्टमेंट फंड्स फाइल कर सकती हैं।

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  • आईटीआर-6: ये फॉर्म धर्मार्थ या धार्मिक उद्देश्यों की संलग्न कंपनियों को छोड़कर बाकी कंपनियों द्वारा इसे भरना होगा।
  • आईटीआर-7: धर्मार्थ या धार्मिक ट्रस्ट, राजनीतिक दल, वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान आदि के लिए ये फॉर्म होता है। ये आयकर धारा 139 के अंतर्गत आता है।

फॉर्म भरते वक्त न करें ये गलती

  • ऑनलाइन ITR भरने पर वेरिफिकेशन करना होता है। बता दें कि ये वेरिफिकेशन 30 दिनों के अंदर होना जरूरी है वरना रिटर्न अमान्य (इनवैलिड) माना जाएगा। ऐसे में आईटीआर भरते वक्त गलती न करेँ।
  • जब आप सही बैंक खाता पोर्टल में जोड़ेंगे और बैंक व आयकर विभाग दोनों ने पुष्टि की होगी, तभी ITR उस बैंक खाते में आएगा। दूसरे बैंक खाते में रिफंड ट्रांसफर नहीं होगा।

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FAQ

  • ITR फॉर्म कितने प्रकार के होते हैं?

    ये फॉर्म्स कुल 7 प्रकार के होते हैं।
  • ITR-3 फॉर्म कौन भर सकता है?

    बिजनेस या प्रोफेशन से आय कमाने वाले व्यक्ति के लिए ये फॉर्म है।