क्या आप जानती हैं लोन की प्रीपेमेंट कब करनी चाहिए? आधे से ज्यादा लोगों को नहीं पता होगी ये बात...समझ लीजिए पूरा गणित

Is It Good To Prepay Personal Loan: क्या आप जानते हैं कि लोन की प्रीपेमेंट करने से आपको कितने फायदे मिल सकते हैं? हालांकि, ज्यादातर लोगों को यही नहीं पता है कि लोन की प्रीपेमेंट करने का सही वक्त कौन-सा होता है? आइए जानें, लोन की प्रीपेमेंट किस स्टेज पर करना सही होता है? लोन की प्रीपेमेंट किस वक्त करने पर फायदा मिलता है? 
Is It Good To Prepay Personal Loan

Should I Make Loan Payments Early: आजकल लोग अपने बड़े सपनों को पूरा करने के लिए लोन लेते हैं। अक्सर घर या कोई बड़ी चीज लेने के लिए लोन लेना ही पड़ता है। होम लोन काफी लंबा चलता है। अधिकतम ये 30 साल की अवधि के लिए लिया जाता है। लंबे वक्त तक ईएमआई देना लोगों के लिए मुश्किल-सा हो जाता है। ऐसे में धीरे-धीरे लोन एक बोझ बनकर रह जाता है। ऐसे में लोन से जल्दी पीछा छुड़ाने का तरीका है होम लोन प्रीपेमेंट।

हालांकि, ज्यादातर लोगों को ये नहीं पता होता है किस स्टेज पर लोन प्रीपेमेंट करना सही होता है। बहुत से लोगों को इसकी सही जानकारी नहीं होती। अगर आप भी प्रीपेमेंट करके लोन से जल्दी छुटकारा पाना चाहती हैं, तो आपको इसका पूरा गणित समझना होगा। इससे आप ब्याज के पैसे बचा सकते हैं। आइए जानें, लोन की प्रीपेमेंट करने का सही वक्त कौन-सा है?

लोन के स्‍टेज के हिसाब से करें फैसला

Take decision according to the stage of loan

प्रीपेमेंट करने के लिए लोन के सही स्टेज को समझना जरूरी है। होम लोन काफी लंबा होता है। ऐसे में बैंक किसी भी रिस्क से बचने के लिए लोन की शुरुआत में ही सबसे ज्यादा ब्याज वसूलता है। EMI चार्ट में आप देख सकते हैं कि शुरुआती वर्षों में EMI में प्रिंसिपल अमाउंट कम और ब्याज ज्यादा होता है। अगर आप ब्याज कम भरना चाहते हैं, तो आपको लोन के शुरुआती समय में ही प्रीपेमेंट करनी चाहिए।

प्रिंसिपल अमाउंट तेजी से घटेगा

अगर आप शुरुआती वक्त में ही प्रीपेमेंट करते हैं, तो इससे आपका प्रिंसिपल अमाउंट तेजी से कम हो जाएगा और आपको लाखों का इंटरेस्ट अमाउंट भी कम हो जाएगा। मिड-टू-लेट स्टेज में प्रीपेमेंट करने से आपको कोई खास फायदा नहीं मिलेगा।

प्रीपेमेंट से घटता है प्रिंसिपल अमाउंट

Principal amount decreases due to prepayment

लोन की प्रीपेमेंट करने का सबसे बड़ा फायदा है कि इससे प्रिंसिपल अमाउंट कम हो जाता है। प्रीपेमेंट का मतलब है कि आप अपनी मंथली ईएमआई के अलावा, कुछ एक्सट्रा भुगतान करते हैं। जो आपके मूलधन को कम करने में मदद करती है। मान लीजिए आपने 25 लाख का लोन लिया है, लेकिन आप उसमें 2 लाख का प्रीपेमेंट कर देते हैं, तो आपका लोन 23 लाख रुपए का हो जाएगा। इससे आपको ब्याज भी 23 लाख के हिसाब के भरना होगा।

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Image Credit: her zindagi

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