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Hindu Beliefs: कब गंगाजल हो जाता है अशुद्ध?

हिन्दू धर्म में गंगाजल को बहुत पवित्र माना जाता है। घरों में न सिर्फ गंगाजल रखा जाता है बल्कि पूजा-पाठ से लेकर घर में छिड़काव आदि कार्यों में उसका प्रयोग भी किया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि गंगाजल भी कुछ परिस्थितियों में अशुद्ध हो जाता है। 
Editorial
Updated:- 2023-06-01, 23:00 IST

Gangajal Kab Ho Jata Hai Ashuddh: हिन्दू धर्म में गंगाजल को बहुतपवित्र माना जाता है। घरों में गंगाजल रखा जाता है, पूजा-पाठ या शुभ कार्यों में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

यहां तक कि घर में सकारात्मकता लाने के लिए गंगाजल से शाम के समय घर में छिड़काव भी किया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि पवित्र माना जाने वाला गंगाजल अशुद्ध भी हो जाता है।

ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स का कहना है कि कुछ परिस्थितियां ऐसी हैं जब गंगाजल अशुभ हो जाता है और इसका प्रयोग करने से घर में नकारात्मकता फैलने लगती है।

जब न हो गंगाजल का प्रयोग

when gangajal becomes impure

  • शास्त्रों में ऐसा वर्णन किया गया है कि जब गंगाजल अपनी शक्ति खो देता है और उल्टे परिणाम दिखाने लगता है जब उसका प्रयोग न किया जाए।
  • यानी कि अगर अपने घर में गंगाजल रखा है लेकिन पूजा-पाठ (पूजा-पाठ के नियम) या शुभ कार्यों में आप उसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तब यह अशुद्ध हो जाता है।
  • जिस प्रकार बहती नदी के पानी को स्वच्छ और रुकी हुई नदी के पानी को गंदा माना जाता है ठीक ऐसे ही किसी बोतल में बंद गंगाजल अशुभ होता है।

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जब न किया जाए नियमों का पालन

  • ग्रंथों में ऐसा वर्णन मिलता है कि गंगाजल को कभी भी बोतल में नहीं रखना चाहिए बल्कि इसे ताम्बे के बर्तन में पूजा स्थान पर रखना शुभ होता है।
  • किसी भी प्लास्टिक के बर्तन में गंगाजल रखने से राहु का दुष्प्रभाव बढ़ता है और गंगाजल भी अपनी शुद्धता और दिव्य शक्तियां खो देता है।
  • इसके अलावा, अगर अप गंगाजल में कुछ भी मिश्रित करके रखते हैं जैसे कि दूध या सामान्य पानी तब भी गंगाजल अशुभ माना जाता है।

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जब इन बातों पर न दिया जाए ध्यान

when gangajal becomes bad

  • गंगाजल घर में रखा है लेकिन जिस पत्र में वो है न तो उसकी साफ-सफाई होती है और न जहां वो रखा है उस स्थान को स्वच्छ किया जाता है।
  • तब गंगाजल अशुद्ध हो जाता है और ऐसे गंगाजल (गंगाजल के उपाय) का प्रयोग घर में सकारात्मकता के स्थान पर भयंकर नकारात्मकता पैदा करता है।
  • बिना नहाए, पीरियड्स के दौरान, घर में मृत्यु के समय, घर में नवजात के जन्म के समय आदि इन स्थितियों में गंगाजल को छूना उसे अशुद्ध कर देता है।

तो इन परिस्थितियों में हो जाता है गंगाजल अशुद्ध। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: freepik

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