
मणिपुर में लंबे समय से चली आ रही अशांति और विपक्ष के बढ़ते दबाव के चलते, 10 फरवरी को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य के राज्यपाल को अपना त्यागपत्र सौंप दिया था। वहीं, मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद 13 फरवरी 2025 को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। इसके बाद, मणिपुर के राज्यपाल संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन को फॉलो कर रहे हैं। वैसे तो शुरुआत में राष्ट्रपति शासन 2 महीनों का होता है लेकिन संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिलने के बाद इसे 6 महीने से 3 साल तक बढ़ाया भी जा सकता है। आज हम आपको इस आर्टिकल में कब और क्यों राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है और इस दौरान राज्य में कैसे काम होता है, इसके बारे में बताने वाले हैं।
जब राज्य राजनीतिक और जातीय अशांति के बीच संवैधानिक शासन को बनाए रखने में चल रही चुनौतियों का सामना कर रहा होता है, तो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत वहां पर राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाता है। ऐसी स्थिति में राज्य के राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर, राष्ट्रपति राज्य की सरकार और राज्यपाल के कार्यों को अपने हाथ में लेने की घोषणा करता है। अगर राष्ट्रपति चाहे तो प्रभावी रूप से केंद्र सरकार को या राज्य की विधानसभा की जिम्मेदारी संसद को भी हस्तांतरित कर सकता है। हालांकि, राष्ट्रपति राज्य के हाईकोर्ट की किसी भी शक्ति को ग्रहण नहीं कर सकता है।
राष्ट्रपति शासन लागू होने से पहले इसका प्रस्ताव संसद के समक्ष पेश किया जाता है और दोनों सदनों से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति शासन को किसी भी राज्य में 6 महीने तक लागू किया जा सकता है। साल 2016 में लोकसभा सचिवालय ने राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने वाली कुछ परिस्थितियों के बारे में बताया था। इसमें, विधायकों द्वारा दलबदल, गठबंधन टूटने पर, अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर, मुख्यमंत्री द्वारा इस्तीफा दिए जाने पर और राज्य में सार्वजनिक आंदोलन होने जैसे मामले शामिल थे।
इसे भी पढ़ें - Criminal Laws in India: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रचा इतिहास, भारत में तीन नए आपराधिक बिलों को दी मंजूरी

जब किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होता है, तो राज्यपाल राज्य का प्रशासन करता है। राज्यपाल राज्य को चलाने के लिए राज्य के मुख्य सचिव या राष्ट्रपति द्वारा नामित सलाहकारों से मदद ले सकता है। इस दौरान, राष्ट्रपति राज्य की विधानमंडल की पावर को अपने हाथों में ले लेता है और उसे भंग कर देता है।
अगर राष्ट्रपति चाहे तो State Consolidated Fund से भी फंड्स ले सकता है। वहीं, राष्ट्रपति शासन के दौरान अगर राज्य में कोई कानून या नियम बनाया जाता है, तो उसे शासन खत्म होने के बाद भी प्रभावी रखा जाता है। इस कानून या नियम को अगले राज्य विधानमंडल द्वारा निलंबित, परिवर्तित या दुबारा लागू करने का अधिकार होता है।
आमतौर पर राष्ट्रपति शासन किसी राज्य में 6 महीनों या अधिकतम 3 साल तक लागू किया जा सकता है। इस दौरान, राज्य की राजनीतिक परिस्थिति में सुधार किया जाता है। राष्ट्रपति शासन खत्म करने का अधिकार राष्ट्रपति का होता है। हालांकि, संसद के समक्ष राष्ट्रपति घोषणा करते हैं और अगर दोनों सदन की मंजूरी नहीं मिलती है, तो इसे 2 महीने में समाप्त कर दिया जाता है।
1950 में संविधान लागू होने के बाद से देश के 29 राज्यों और सभी केंद्र शासित राज्यों में कुल 134 बार राष्ट्रपति शासन लागू किया जा चुका है। सबसे पहले 1951 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने राष्ट्रपति शासन पंजाब में लगाया था। इसके अलावा, सबसे ज्यादा राष्ट्रपति शासन मणिपुर में लागू हो चुका है और यह 11वीं बार है। वहीं, उत्तर प्रदेश में करीब 10 बार राष्ट्रपति शासन लागू किया जा चुका है। केवल छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्य ऐसे हैं, जहां पर अभी तक राष्ट्रपति शासन लागू नहीं किया गया है।
इसे भी पढ़ें - Special Category State: किसी राज्य को विशेष दर्जा मिलने पर क्या होता है, आम आदमी को नुकसान होता है या फायदा?
-1739865424614.jpg)
राष्ट्रपति शासन लागू करने के मामले में 1994 में एस. आर. बोम्मई बनाम भारत संघ का मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया था। जिसमें, सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 356 का गलत तरीके से इस्तेमाल करने को लेकर कुछ दिशा-निर्देश जारी किए थे। फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हाईकोर्ट जांच कर सकता है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के लिए वैध कारण मौजूद हैं, राज्यपाल द्वारा जारी की गई रिपोर्ट राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए सही है या नहीं, राष्ट्रपति शासन लागू होने पर राज्य विधानमंडल को बर्खास्त कर दिया जा सकता है, लेकिन सरकार को तुरंत भंग नहीं कर सकते हैं। इस फैसले के बाद राष्ट्रपति शासन को कम लागू किया जाने लगा।
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit - herzindagi, jagran
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।