लू से बचाने के लिए कहीं आप भी तो नहीं डाल रहीं गुड़हल में ये खाद? पौधे को हरा-भरा बनाने में काम आ सकते हैं ये 3 तरीके

Hibiscus Plant Care Tips: गुड़हल के पौधे को भीषण गर्मी और लू से बचाने के लिए आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं हैं, आइए इस आर्टिकल में बताते हैं। पौधे को हरा-भरा और फूलों से लदा हुआ रखने के लिए इसमें कौन से खाद नहीं डालने हैं, आइए हम आपको बताते हैं।
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गुड़हल के फूल बगीचे को खूबसूरत बनाने और इसकी रौनक बढ़ाने का काम करते हैं। लेकिन, गर्मी का मौसम अपने साथ पेड़-पौधों के लिए भी चुनौतियां लेकर आता है। भीषण लू और चिलचिलाती धूप में गुड़हल को हरा-भरा और फूलों से लदा रखना बेहद मुश्किल होता है। अक्सर हम अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे गर्मी के मौसम में गुड़हल के पौधे मुरझाने लगते हैं। खासकर खाद डालने के मामले में लोग कई बार ऐसे फर्टाइलजर का इस्तेमाल कर देते हैं, जो पौधे को फायदा पहुंचाने की बजाय नुकसान पहुंचा देते हैं।

अगर आपका गुड़हल का पौधा भी गर्मी में मुरझा रहा है और इसके पीछे का कारण गुड़हल को मिलने वाला गलत खाद है, तो आइए, यहां जानते हैं कि कैसे अपने गुड़हल को लू से बचाकर पूरा सीजन हरा-भरा और फूलों से लदा रखा जा सकता है।

गर्मी में गुड़हल में कौन सी खाद नहीं डालने चाहिए?

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तेज रासायनिक खादें: गर्मी में अधिक नाइट्रोजन वाली रासायनिक खादें जैसे यूरिया, अमोनियम सल्फेट आदि से बचना चाहिए। ये खादें पौधे की जड़ों को जला सकती हैं, क्योंकि गर्मी में मिट्टी जल्दी सूखती है और इन खादों से निकलने वाली गर्मी पौधे के लिए हानिकारक होती है। इनसे पत्तियां पीली पड़ सकती हैं या किनारे से जल सकती हैं।

दानेदार खादें: दानेदार खादें मिट्टी में धीरे-धीरे घुलती हैं। गर्मी में मिट्टी की नमी तेजी से कम होती है, जिससे दानेदार खादें ठीक से घुल नहीं पातीं और पौधे की जड़ों के पास जमा होकर उन्हें नुकसान पहुंचा सकती हैं। ये जड़ों को जलाने का काम कर सकती हैं।

ताजी गोबर की खाद: हालांकि गोबर की खाद बहुत अच्छी होती है, लेकिन गर्मी में ताजी गोबर की खाद सीधे पौधे में डालना नुकसानदायक हो सकता है। ताजी गोबर की खाद में गर्मी पैदा करने वाले तत्व होते हैं, जो तेज धूप में पौधे की जड़ों को झुलसा सकते हैं। हमेशा अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद का ही प्रयोग करें।

गुड़हल के पौधे को हरा-भरा बनाने में काम आ सकते हैं ये 3 तरीके

Hibiscus plant care tips for summer

सही समय पर और सही तरीके से पानी देना

गर्मी में पानी देना सबसे महत्वपूर्ण है। सुबह-सुबह सूरज निकलने से पहले या उसके तुरंत बाद पानी देना सबसे अच्छा होता है। इस समय मिट्टी ठंडी होती है और पानी वाष्पीकृत होकर उड़ता नहीं है, बल्कि जड़ों तक पहुंचता है। यदि बहुत अधिक गर्मी है और दिन में मिट्टी सूख गई है, तो शाम को सूरज ढलने के बाद भी पानी दे सकते हैं। इससे पौधा रात भर पानी सोख कर खुद को तरोताजा महसूस करेगा। लू के दौरान सुबह या शाम को पत्तियों पर पानी का छिड़काव करना भी फायदेमंद होता है। यह पत्तियों को ठंडा रखने और नमी बनाए रखने में मदद करता है। पानी देने से पहले हमेशा मिट्टी की ऊपरी परत को छूकर देखें। यदि वह सूखी लगे, तो ही पानी दें। ओवरवाटरिंग से बचें, क्योंकि इससे जड़ें गल सकती हैं।

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पोषक तत्वों के लिए जैविक तरल खाद का प्रयोग

How to make hibiscus plant healthy

गर्मी में रासायनिक खादों से बचते हुए, आप जैविक तरल खाद का प्रयोग कर सकती हैं। अच्छी तरह सड़ी हुई वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद को पानी में भिगोकर 2-3 दिन रखें। इस घोल को छानकर पतला करके पौधे में डालें। यह पौधे को हल्के और धीरे-धीरे पोषक तत्व प्रदान करता है, जो गर्मी में आसानी से अवशोषित हो जाते हैं। केले के छिलकों को पानी में भिगोकर कुछ दिनों के लिए छोड़ दें। यह पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत है, जो फूलों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इस घोल को पतला करके प्रयोग करें। प्याज के छिलके में भी कई पोषक तत्व होते हैं। इन्हें पानी में भिगोकर तैयार किया गया घोल पौधे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। गर्मी में खाद की मात्रा सामान्य से आधी रखें और महीने में एक या दो बार ही प्रयोग करें।

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मल्चिंग और छांव का प्रबंधन

Hibiscus plant care in summer

पौधे की जड़ के पास मिट्टी को सूखी पत्तियों, पुआल, लकड़ी के चिप्स या धान के भूसे की 2-3 इंच मोटी परत से ढक दें। इसे मल्चिंग कहते हैं। मल्चिंग मिट्टी की नमी को बनाए रखती है, उसे ठंडा रखती है और खरपतवारों को उगने से रोकती है। यह जड़ों को सीधी धूप से बचाती है। यदि आपका गुड़हल सीधे धूप में रखा है, तो गर्मी की चरम अवधि में उसे दोपहर की तेज धूप से बचाने के लिए किसी जालीदार कपड़े या किसी बड़े पौधे की छांव में रखें। सुबह की हल्की धूप और शाम की धूप गुड़हल के लिए अच्छी होती है, लेकिन दोपहर की भीषण धूप से बचाना आवश्यक है। अगर पौधा गमले में है, तो उसे दिन के समय किसी ऐसी जगह पर रख दें जहां उसे सीधी और तेज धूप न मिले, जैसे घर की बालकनी का कोई छायादार कोना।

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Image credit- Freepik


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