what is thermal scanner and how it works in hindi

जानें कैसे एयरपोर्ट पर लगा हुए थर्मल स्कैनर करता है कोरोना वायरस की पहचान

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि एयरपोर्ट पर लगा हुए थर्मल स्कैनर किस तरह से कोरोना की जांच के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 
Editorial
Updated:- 2022-12-28, 16:26 IST

हाल ही में कोरोना वायरस के मामले फिर से सामने आने लगे हैं। ऐसे में कोरोना वायरस की पहचान व रोकथाम के लिए कई हवाई अड्डों पर थर्मल स्कैनर का प्रयोग किया जा रहा है लेकिन क्या आप जानती हैं कि यह थर्मल स्कैनर क्या होता हैं और किस तरह से काम करता हैं। आज इस लेख में हम आपको इस बारे में पूरी जानकारी देंगे।

जानें कैसे काम करता है थर्मल स्कैनर

thermal scanner

कोरोना वायरस की पहचान के लिए व्यक्ति के तापमान की जांच की जाती है। थर्मल स्कैनर एक ऐसा डिवाइस होता है जिससे शरीर के तापमान को दर्ज करता है और फिर एक थर्मल इमेज को तैयार करता है। आपको बता दें कि थर्मल स्कैनर स्क्रीन पर बनने वाली इमेज में मौजूद कई रंगों से शरीर और आसपास की चीजों के तापमान को दर्ज कर लेती हैं।(दोबारा सामने आ रहे हैं कोविड के मामले, बच्चों समेत पूरे परिवार का ऐसे रखें ख्याल)

यह तो आप जानते ही होंगे कि कोरोना वायरस की पहचान के लिए व्यक्ति के तापमान की जांच की जाती है। एयरपोर्ट पर लगाए जाने वाले ये स्कैनर किसी व्यक्ति के शरीर का तापमान सामान्य से अधिक होने पर यह स्कैनर बीप के जरिये सिग्‍नल भी देते हैं। इस प्रकार से यह पता लगाया जाता है कि व्यक्ति कोविड पॉजिटिव है या नहीं।

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क्यों हुआ था इस तकनीक का आविष्कार?

आपको बता दें कि सन् 1800 में सर विलियम हर्शेल ने इसका आविष्कार किया था। इस स्कैनर में उन्होंने थर्मल मेजरमेंट के लिए इंफ्रारेड रेज का यूज किया था। इस डिवाइस की मदद से दस मीटर दूर से किसी भी व्यक्ति के तापमान का पता लगाया जा सकता था।

इस डिवाइस से जुड़े हुए कई सारे शोध हुए और साल 1901 में चार्ल्‍स ग्रीले और लेंग्‍ले ने एक ऐसा डिवाइस बनाया जो लगभग 400 मीटर की दूरी पर शरीर के तापमान को पता कर लेता था। इसकी टेस्टिंग उन्होंने गाय पर की थी। आपको बता दें कि अमेरिका में साल 1947 में पहला थर्मोग्राफिक कैमरा तैयार किया था।( कोरोना महामारी के दौर में काम आएंगे ये मेडिकल गैजेट्स, आप भी रखें घरों में)

आपको बता दें कि यह कैमरा अधिक और ज्यादा तापमान वाले खून में फर्क कर एक इमेज को तैयार करता है। इसे पहली बार हाईवोल्‍टेज पावर लाइन की जांच के लिए खरीदा गया था। भारत समेत कई सारे देशों में थर्मल स्कैनर की मदद से विदेश से आए लोगों की कोविड जांच की जाती है।

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