केंद्र सरकार ने पेपर लीक मामले पर एक कड़ा कानून लागू किया, जिसका मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और कदाचार पर रोक लगाना है। इसमें अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल और एक करोड़ रुपए तक के जुमनि का प्रावधान है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को मंजूरी दिए जाने के लगभग चार महीने बाद कार्मिक मंत्रालय ने 22 जून की रात एक अधिसूचना जारी की।
इसमें कहा गया कि कानून के प्रावधान 21 जून से लागू हो गए हैं। इसमें धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए न्यूनतम तीन से पांच वर्ष के कारावास का प्रावधान है तथा धोखाधड़ी के संगठित अपराधों में शामिल लोगों को पांच से 10 वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम एक करोड़ रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। यूजीसी नेट, 2024 परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने को लेकर चल रहे विवाद के बीच यह कदम महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 21 जून को राष्ट्रीय पर्चा फोड़ और नकल कराने के दोषी पाए गए व्यक्ति को तीन से पांच साल की जेल की सजा दी जाएगी।
संगठित तरीके से परीक्षाओं में गड़बड़ी कराने का दोषी पाए जाने पर पांच से 10 साल का कारावास मिलेगा और एक करोड़ रुपए का जुर्माना देना होगा। फरवरी 2024 में संसद से पारित होने के बाद राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दी थी। उसके चार माह बाद 22 जून की रात कार्मिक मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की।
परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक की जांच के लिए मामला दर्ज किया। विपक्षी दलों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी में भी अनियमितताओं का आरोप लगाया है। इसके परिणाम एनटीए ने चार जून को घोषित किए थे। अधिसूचना में कहा गया है, लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 (2024 का 1) की धारा 1 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार 21 जून, 2024 को उक्त अधिनियम के प्रावधान लागू होने की तारीख के रूप में नियुक्त करती है।
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केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से पूछा गया था कि यह कानून कब लागू होगा, तो उन्होंने कहा था कि कानून मंत्रालय नियम बना रहा है। लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 को 9 फरवरी को राज्यसभा ने पारित किया था। लोकसभा ने इसे 6 फरवरी को पारित किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने 12 फरवरी को विधेयक को मंजूरी दे दी, जिससे यह कानून बन गया। इस अधिनियम का उद्देश्य संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाओं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) आदि द्वारा आयोजित सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग को रोकना है। इस कानून से पहले, केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियों द्वारा लोक परीक्षाओं के संचालन में शामिल विभिन्न संस्थाओं द्वारा अपनाए गए अनुचित साधनों या किए गए अपराधों से निपटने के लिए कोई विशिष्ट कानून नहीं था।
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस अधिनियम का उद्देश्य संगठित गिरोहों और संस्थाओं को रोकना है जो पैसे कमाने के लिए अनुचित साधनों का उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि इसके प्रावधान उम्मीदवारों के हितों की रक्षा करते हैं।
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