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Assam polygamy law 2025

Assam Polygamy Bill: क्या है असम की बहुविवाह प्रथा? जिसमें शादीशुदा होने के बाद भी एक से ज्यादा शादी करने का रिवाज, अब लगी रोक

असम सरकार ने 25 नवंबर को असम बहुविवाह निषेध विधेयक, 2025 पेश किया, जिसमें पहली शादी के कानूनी रूप से वैध रहते हुए दूसरी शादी करने या उसे छिपाने पर सख्त दंड का प्रस्ताव है। नीचे जानें क्या थी असम की बहुविवाह प्रथा-
Editorial
Updated:- 2025-11-28, 13:46 IST

Assam Polygamy Ritual: देश-दुनिया में कई ऐसी प्रथाएं हैं, जिसे जनाने या पढ़ने के बाद हैरानी होती है कि आखिर ऐसा कैसा हो सकता है। आज के इस आर्टिकल में आपको एक ऐसी ही अजीबोगरीब प्रथा के बारे में बताने जा रहे हैं, जो असम से जुड़ी है। इस प्रथा में एक व्यक्ति एक ज्यादा शादी कर सकता है। हालांकि इस रिचुवल को प्रतिबंधित करते हुए निषेध विधेयक पारित किया है। इसके तहत अगर अब कोई व्यक्ति ऐसा करता है, तो 7 साल जेल की सजा हो सकती है। साथ ही पीड़ित महिला को मुआवजा देने का प्रावधान भी रखा गया है। नीचे संक्षेप में समझें क्या है बहुविवाह प्रथा और नियम।

क्या है बहुविवाह प्रथा?

Assam Polygamy Prohibition Bill 2025

शादी को लेकर हमारे देश में अलग-अलग रस्में और परंपराएं हैं, लेकिन यकीनन अगर आपसे कोई यह कहे कि आप एक साथ कई शादी कर सकती हैं, तो यह सुनने में अजीब लगेगा। पर आपको बता दें कि यह सच है। असम में ऐसी ही प्रथा है, जो बहु विवाह के नाम से जानी जाती है। इस प्रथा में एक व्यक्ति एक साथ कई जीवनसाथी रखता है।

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क्या है असम का बहु विवाह निषेध विधेयक 2025?

असम सरकार द्वारा हाल ही में पारित 'असम बहु विवाह निषेध विधेयक, 2025' का मुख्य उद्देश्य राज्य में बहुविवाह की प्रथा को पूरी तरह से समाप्त करना है। भारतीय कानून के तहत, हिंदू, ईसाई, और पारसी समुदायों के लिए बहुविवाह पहले से ही प्रतिबंधित है, लेकिन यह विधेयक इसे सभी समुदायों के लिए एक आपराधिक कृत्य बनाता है।

बहुविवाह निषेध विधेयक में तय की गई ये सजा

punishment for polygamy in Assam

बहु विवाह निषेध विधेयक लागू होने पर दोषी को 7 साल तक कारावास और जुर्माना देने का प्रावधान किया गया है। साथ ही अगर यदि कोई व्यक्ति अपनी मौजूदा शादी को छिपाकर दूसरी शादी करता है तो उसे 10 साल कारावास की सजा होगी।

कहां-कहां लागू हो रहा बहुविवाह निषेध विधेयक?

यह मसौदा कानून छह अनुसूचित क्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य में लागू होगा और संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत परिभाषित अनुसूचित जनजातियों पर लागू नहीं होगा। इस विधेयक के साथ, असम में बहुविवाह को एक आपराधिक अपराध माना जाएगा।

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Image Credit- freepik, herzindagi

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