अगर आपसे पूछा जाए, एस्ट्रोलॉजी की सबसे प्रसिद्ध किताब क्या है, तो आपका जवाब क्या होगा? वेद, पुराण, शास्त्र, भगवतगीता जैसी कई धार्मिक पुस्तकें हैं जो हमारे धर्म की जानकारी देती हैं, लेकिन इसमें से कोई भी एस्ट्रोलॉजी से जुड़े टोटके नहीं बताती है। एस्ट्रोलॉजी की सबसे प्रसिद्ध किताब है लाल किताब, जिसके बारे में ज्यादा लोगों को पता नहीं होता। अगर आपको एस्ट्रोलॉजी में इंटरेस्ट है, तो शायद आपने लाल किताब के बारे में पढ़ा और जाना भी होगा। लाल किताब इतनी अनोखी क्यों है, इसके बारे में भी शायद थोड़ी जानकारी होगी।
चलिए आज एस्ट्रोलॉजी की इसी अलग दुनिया में चलते हैं और जानते हैं कि असल में लाल किताब है क्या।
लाल किताब का सीधा सा मतलब है लाल रंग की किताब। यह एक नहीं बल्कि पांच किताबों की सीरीज है। 19वीं सदी में लिखी गई इस किताब में हिंदू एस्ट्रोलॉजी, हस्तरेखा विज्ञान और टोटकों को बारे में जानकारी है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस किताब को उर्दू भाषा में लिखा गया था। जी हां, हिंदी या संस्कृत नहीं, बल्कि उर्दू भाषा में।
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लाल किताब समुद्रिका शास्त्र पर आधारित है। इसलिए ही इसे एस्ट्रोलॉजी से जुड़ी अहम किताब माना जाता है। इस किताब में काव्य हैं, दर्शन शास्त्र की बाते हैं, एस्ट्रोलॉजी से जुड़ी बारीकियां हैं।
यह पराशर एस्ट्रोलॉजी की जानकारी भी देती है। अगर आपको ना पता हो, तो मैं बता दूं कि पाराशर एस्ट्रोलॉजी वो शास्त्र है जिससे हम ग्रहों की चाल का पता लगाते हैं और हर चीज को करने का शुभ मुहूर्त जानते हैं। उदाहरण के तौर पर शादी का मुहूर्त निकालने के लिए भी इसमें मौजूद पंचांग का इस्तेमाल किया जा सकता है।
ऐसा माना जाता है कि इसकी शुरुआत फारसी साहित्य और एस्ट्रोलॉजी में भी मिलती है।
अगर आप गूगल पर इसके बारे में सर्च करेंगे, तो एक सवाल यह भी आएगा कि क्या रावण ने लाल किताब लिखी है? इसकी शुरुआत वहीं से मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि रावण ने अपने ज्ञान का सार लाल किताब में लिख दिया था। लाल किताब में ऐसा बहुत कुछ था जिससे लोग रावण का ज्ञान प्राप्त कर सकते थे, लेकिन श्री राम से युद्ध के वक्त लाल किताब गायब हो गई और उसके साथ किताब का ज्ञान भी।
हालांकि, यह बाद में अरब देशों में आद के नाम से मिली। इसके बाद इसे फारसी में लिखा गया और आखिर में 1939 से लेकर 1952 के बीच पंडित रूप चंद जोशी ने इसे लिखा।
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लाल किताब में किसी एक विद्या के बारे में नहीं, बल्कि कई चीजों के बारे में लिखा हुआ है।
एस्ट्रोलॉजी और हस्तरेखा विज्ञान की जानकारी होने के कारण लाल किताब को एस्ट्रोलॉजी की बारीकियां सीखने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह बाकी किताबों की तरह संस्कृत में नहीं है और बहुत आसानी से उपलब्ध है इसलिए लगभग सभी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें एस्ट्रोलॉजी के टोटके भी दिए गए हैं जिसे लोग कर सकते हैं। हालांकि, इसमें जो भी टोटके दिए गए हैं वो किसी खराब चीज के लिए नहीं हैं।
ऐसा नहीं है, रावण की विद्या के कारण यह धर्म और शास्त्र से जुड़े उपाय बताती है। क्योंकि इसमें एस्ट्रोलॉजी के उपाय हैं और लोग लाल किताब के टोटके इस्तेमाल करते हैं इसलिए इसे काले जादू से जोड़ दिया गया, लेकिन ऐसा नहीं है।
इस किताब में ऐसे टोटके दिए गए हैं जिससे आप अपनी एनर्जी को पॉजिटिव तरीके से बढ़ा सकते हैं। जैसे सूर्य को जल देना, तुलसी की पूजा करना, घर में किस दिशा में मंदिर रखना, दुर्गा मां की पूजा कैसे करना, कौन सा मंत्र पढ़ना आदि।
इस किताब में दान के बारे में भी लिखा हुआ है कि किस तरह का दान लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इसलिए इस किताब को इतना इस्तेमाल किया जाता है।
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