What is Fitkari Making Process: अगर कोई आपके सामने फिटकरी का नाम लें, तो यकीनन आपके दिमाग में दादी-नानी के और तमाम नुस्खे याद आ जाएंगे। कभी पानी साफ करने के लिए इसे पानी में डालकर छोड़ देना, तो कभी शेविंग करते समय चेहरे पर मसाज। इतना ही नहीं बल्कि कई लोग इसका इस्तेमाल सफाई के साथ-साथ इंटरनल चोट लगने पर खून जमा होने से बचाने के लिए इसके पाउडर का सेवन करते हैं। सफेद रंग का दिखने वाला फिटकरी अमूमन भारतीय घरों में देखने को मिल जाती है। इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक औषधीय और शुद्धिकरण वाले गुणों इसे कारगर बनाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है पीसने पर बारीक पिसे हुए नमक जैसे नजर आने वाली फिटकरी को कैसे बनाया जाता है। अगर नहीं, तो इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर यह होता है और इसे बनाकर कैसे तैयार किया जाता है।
हम में से ज्यादातर लोग फिटकरी को बस एक उपयोगी घरेलू सामग्री के रूप में जानते हैं। लेकिन आपको बता दें कि क्रिस्टल की तरह दिखने वाली फिटकरी कोई सामान्य नहीं बल्कि यह बड़े कमाल की चीज है। नॉर्मल सफेद पत्थर सा दिखने वाला टुकड़ा अलग-अलग प्रकार केमिकल को मिलाकर तैयार किया जाता है। इसका रासायनिक नाम पोटाश एलम है और यह पोटेशियम सल्फेट (K2SO4) और एल्यूमीनियम सल्फेट (Al2(SO4)3) का एक द्विक लवण (double salt) है, जिसमें पानी के 24 अणु (KAl(SO4)2·12H2O) भी होते हैं।
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रसोई घर से लेकर चेहरे पर इस्तेमाल होने वाली फिटकरी को ऐलम शेल, ऐलूनाइट या बॉक्साइट जैसे प्राकृतिक खनिजों से प्राप्त किया जाता है। पारंपरिक विधि से बनाने में इन खनिजों को पीसकर सल्फ्यूरिक एसिड के साथ उबाला जाता है, जिससे एल्यूमीनियम सल्फेट का घोल बनता है। फिर इस घोल में पोटेशियम सल्फेट मिलाया जाता है। कुछ देर मिश्रण को ठंडा होने के लिए छोड़ दिया जाता है, जिससे फिटकरी के क्रिस्टल बनते हैं।
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फिटकरी को आजकल एक बड़े पैमाने पर बनाया जाता है। ऐसे में फिटकरी को केमिकल रिएक्शन से भी बनाया जाता है। इसमें पहले एल्यूमीनियम अयस्क को सल्फ्यूरिक एसिड से रिएक्शन करके एल्यूमीनियम सल्फेट तैयार किया जाता है। फिर, इस एल्यूमीनियम सल्फेट के घोल को पोटेशियम सल्फेट के घोल के साथ मिलाया जाता है। इस मिश्रण को गर्म करके गाढ़ा किया जाता है। ठंडा होने पर फिटकरी के शुद्ध क्रिस्टल अलग हो जाते हैं। इन क्रिस्टलों को धोकर सुखाया जाता है, जिसके बाद हमें वह फिटकरी मिलती है जिसका इस्तेमाल हम अपने घरों में करते हैं।
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