Zero Balance Account: जानें क्या है जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट? ऐसे उठा सकते हैं इन सुविधाओं का लाभ

जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट में आपको बैलेंस मेंटेन करने का झंझट नहीं होती है। साथ ही इस अकाउंट में कई तरह की सुविधाओं के साथ आप सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। 

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Zero Balance Account: बैंक अपने ग्राहकों के लिए सेविंग्स अकाउंट के साथ साथ जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट की सुविधा भी देता है। सेविंग अकाउंट में किसी अकाउंट होल्डर को बैंक के तरफ से तय किए गए कम से कम पैसे मेंटेन करके रखना होता है। अगर आप सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करके नहीं रखते हैं, तो आपको इसके लिए जुर्माना देना पड़ता है या फिर आपका अकाउंट सीज कर लिया जाता है।

वहीं, अगर आप जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट ओपन कराते हैं, तो आपको इसमें बैलेंस मेंटेन करने का झंझट नहीं होती है। साथ ही इस अकाउंट में कई तरह की सुविधाओं के साथ आप सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। आइए जानते हैं जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट किन सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकता है।

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जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट क्या है?

जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट (Zero Balance Savings Account) एक प्रकार का सेविंग अकाउंट है जिसमें न्यूनतम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है। इसका मतलब है कि आपके अकाउंट में कोई पैसा नहीं होने पर भी आपको कोई चार्ज नहीं देना होगा। जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट में लेनदेन की सुविधा भी बहुत आसान होती है।

यह अकाउंट आमतौर पर उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प होते हैं, जो नियमित तौर से बैंक पैसे नहीं रख पाते हैं, जैसे कि स्टुडेंट या घरेलु महिलाएं। वे उन लोगों के लिए भी एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं जो अपनी सेविंग अकाउंट को ट्रैक करना चाहते हैं और केवल तब पैसे जमा करना चाहते हैं जब उनके पास एक्स्ट्रा पैसा इकट्ठा हो पाए।

What is the disadvantage of zero balance account

जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट में होती हैं ये विशेषताएं:

  • मिनिममबैलेंस की जरूरत नहीं पड़ती है।
  • चेक बुक, बेसिक रुपे एटीएम-कम-डेबिट कार्ड और अन्य बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध हैं।
  • आमतौर पर फ्री ट्रांसफर और कैश डिपॉजिट की सुविधा उपलब्ध है।
  • आप आसानी से नेटबैंकिंग के जरिए पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।
  • बैंक पासबुक, मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा भी फ्री में मिलती है।

जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट के कुछ नुकसान भी हैं:

  • इस अकाउंट पर ब्याज दर आमतौर पर अन्य खातों की तुलना में कम होती है।
  • इस अकाउंट में कभी-कभी लिमिट से ज्यादा लेनदेन होने पर चार्ज किया जा सकता है।
  • जीरो बैलेंस अकाउंट में एफडी, आरडी में निवेश करने और डीमैट अकाउंट खोलने का भी ऑप्शन भी नहीं मिलता है।
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जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट कैसे खोलें?

इसके लिए आईडी के तौर पर आपका आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, एड्रेस सर्टिफिकेट और इनकम सर्टिफिकेट जमा करना पड़ता है। इसके लिए आप किसी भी बैंक के ब्रांच में जा कर ओपन करा सकते हैं या फिर घर बैठे ऑनलाइन बैंकों के वेबसाइट पर जा कर अकाउंट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए आपको ई-केवाईसी यानी विडियो कांफ्रेंसिंग से केवाईसी अपडेट करना पड़ सकता है।

जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट में बैंक पासबुक, मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा पाने की भी एक सीमा होती है, अगर आप इससे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो आपको एक्स्ट्रा चार्ज पे करना पड़ सकता है। साथ ही जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट में सालाना 1 लाख रुपये तक रखने की लिमिट दी जाती है, अगर इससे ज्यादा पैसा रखते हैं, तो यह अकाउंट सेविंग अकाउंट में कन्वर्ट हो सकता है।

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Image credit: Freepik

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