Choti Diwali 2024: नरक चतुर्दशी के दिन यम का दीपक जलाने से क्या होता है?

नरक चतुर्दशी को नरक चौदस भी कहा जाता है। नरक चतुर्दशी के दिन मां काली, भगवान श्री कृष्ण और यमराज की पूजा का विधान है। इसके अलावा, इस दिन यम का दीपक जलाने का भी बहुत महत्व माना जाता है। 
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हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस साल नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली 30 अक्टूबर, दिन बुधवार की पड़ रही है। नरक चतुर्दशी को नरक चौदस भी कहा जाता है। नरक चतुर्दशी के दिन मां काली, भगवान श्री कृष्ण और यमराज की पूजा का विधान है। इसके अलावा, इस दिन यम का दीपक जलाने का भी बहुत महत्व माना जाता है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि नरक चतुर्दशी पर यम का दीया क्यों जलाया जाता है और क्या हैं यम का दीया जलाने के नियम।

नरक चतुर्दशी पर क्यों जलाते है यम का दीया?

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शास्त्रों में बताया गया है कि नरक चतुर्दशी के दिन यमराज अपने निर्मल स्वरूप में होते हैं। इस स्वरूप में रहने के कारण मृत्यु से जुड़े जो भी योग कुंडली में मौजूद होते हैं, वह सब नष्ट हो जाए हैं।

नरक चतुर्दशी के दिन यमराज का ध्यान करने से अकाल मृत्यु का योग टलता है और मृत्यु के प्रति भय भी कम होता है। इसी कारण से नरक चतुर्दशी पर यमराज के नाम का दीया जलाया जाता है।

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इसके अलावा, ऐसा भी माना जाता है कि नरक चतुर्दशी पर यम का दीया जलाने से व्यक्ति के लिए नरक के द्वार बंद हो जाते हैं जिससे व्यक्ति की आत्मा को मृत्यु के बाद कष्ट नहीं भोगना पड़ता है।

नरक चतुर्दशी पर यम का दीया जलाने के क्या नियम हैं?

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कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर ही यम का दीपक जलाया जाता है। एस एमें इस बात का ध्यान रखें कि पंचांग देखकर तिथि शुरू होने के बाद ही यम का दीया घर में जलाएं।

यम का दीया दक्षिण दिशा में जलाना चाहिए क्योंकि दक्षिण दिशा यमराज की मानी जाती है। सरसों के तेल में रूई की बत्ती भिगोकर मिट्टी के दीपक में ही यम का दीया जलाना लाभकारी होता है।

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यम का दीया जलाने से पहले छोटी दिवाली यानी कि नरक चतुर्दशी के दिन शाम के समय स्नान कर लें और फिर सूर्यास्त के दौरान यम का दीया जलाएं। घर के बड़े ही यम का दीया जलाएं।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर छोटी दिवाली यानी कि नरक चतुर्दशी के दिन यम का दीया जलाने से क्या होता है।

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image credit: herzindagi

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