26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस से एक शाम पहले हर साल देश के सबसे ज्यादा प्रतिष्ठित और सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म पुरस्कार घोषित किए जाते हैं। इस साल भी गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति ने 139 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी है। इन पद्म पुरस्कारों की सूची में 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्मश्री शामिल हैं। साल 2025 में पद्म पुरस्कार की सूची में 23 महिलाएं, 10 विदेशी और 13 मरणोपरांत सम्मान पाने वाले शामिल हैं। लेकिन, आज हम यहां किन-किन को पद्म पुरस्कार मिला है इस पर नहीं, बल्कि यह सम्मान क्या है और इसके लिए कैसे चयन किया जाता है इस बारे में डिटेल बात करने जा रहे हैं।
गणतंत्र दिवस से एक शाम पहले पद्म पुरस्कारों की अनाउंसमेंट के बाद यह सम्मान मार्च या अप्रैल में दिया जाता है। पद्म पुरस्कारों का जिक्र आते ही कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर यह क्या है और इसकी शुरुआत कब और कैसे हुई थी। दरअसल, पद्म पुरस्कार को भारत का सबसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान माना जाता है। इसकी शुरुआत साल 1954 में हुई थी।
कितने तरह के होते हैं पद्म पुरस्कार?
पद्म पुरस्कार यानी नागरिक सम्मान चार तरह के हैं। लेकिन, भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न है यह पद्म पुरस्कारों से अलग होता है। वहीं पद्म पुरस्कार के अंतर्गत पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री आते हैं।
अब यहां समझने की कोशिश करते हैं कि कौन-सा पद्म पुरस्कार कब और किस स्थिति में दिया जाता है। शुरुआत करते हैं पद्म विभूषण से, यह सम्मान भारत रत्न के बाद देश का सर्वोच्च माना जाता है। यह सम्मान किसी विशेष फील्ड में असाधारण और विशिष्ट काम करने के लिए दिया जाता है।
पद्म भूषण को देश का तीसरा सबसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है।
वहीं पद्मश्री को देशा का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान माना जाता है। यह पुरस्कार किसी भी फील्ड में विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है। पद्मश्री का सम्मान ज्यादातर उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने किसी खास फील्ड में सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया होता है।
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कैसे होता है पद्म पुरस्कार के लिए चयन?
भारत सरकार हर साल पद्म पुरस्कार के लिए आवेदन मांगती है। इस आवेदन प्रक्रिया में वह लोग अपना नाम लिखवाते हैं, जिन्हें लगता है कि उन्होंने किसी विशेष फील्ड में कोई बेहतरीन काम किया है। हालांकि, पद्म पुरस्कार के लिए कोई व्यक्ति, संस्था, सांसद, विधायक या मंत्री भी किसी का नाम सजेस्ट कर सकते हैं। लेकिन, पद्म पुरस्कार किसे मिलेगा और किसे नहीं, इसका फैसला भारत सरकार की तरफ से बनाई गई कमेटी ही करती है।
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भारत के प्रधानमंत्री हर साल की इस कमेटी का गठन करते हैं। पद्म पुरस्कार तय करने वाली इस कमेटी की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, राष्ट्रपति के सचिव और चार से छह अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं, जो सिलेक्शन प्रोसेस में पूरी तरह से पारदर्शिता और निष्पक्ष रहकर फैसला करते हैं।
क्या पद्म पुरस्कार के साथ मिलती है इनाम राशि?
जब किसी व्यक्ति विशेष को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है, तब भारत के राष्ट्रपति उन्हें एक मेडल और एक प्रमाण पत्र देते हैं। लेकिन, इस दौरान किसी भी तरह की इनाम राशि या धन राशि नहीं मिलती है। पद्म पुरस्कारों को भारत के सर्वोच्च सम्मान में गिना जाता है, यही वजह है कि धन राशि देकर इसकी गरिमा को कम नहीं किया जाता है।
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Image Credit: Padma Awards Website and Herzindagi.com
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