इन दिनों देशभर में मानसून आ चुका है और कई राज्यों में जोरदार बारिश भी हो रही है। आम तौर पर गर्मी के बाद बारिश का आना ठंडक और सुकून देता है, लेकिन साथ ही बारिश एक आम समस्या लेकर आती है, और वह है जलभराव । मानसून के दौरान सड़कों से लेकर घर के सामने तक पानी भर जाता है, जिसकी वजह कई बार नालियां जाम होना या बारिश के पानी की निकासी का सही इंतजाम न होना होता है। घर के बाहर बारिश का पानी भर जाने से कई तरह की दिक्कतें पैदा हो जाती हैं। बारिश के पानी का इकट्ठा होना सेहत, सफाई और सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ा खतरा होता है।
अगर आपके घर के सामने बारिश का पानी भर जाता है और इसका कोई पक्का समाधान नहीं है, तो इसे आप एक पब्लिक प्रॉब्लम की तरह ले सकते हैं। भारतीय कानून और कई अदालतों के फैसले इस बात को साफ कर चुके हैं कि जलभराव की जिम्मेदारी अकेले किसी की नहीं होती, बल्कि यह नगर पालिका और PWD (लोक निर्माण विभाग) की मिली-जुली जिम्मेदारी होती है। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले हैं कि अगर बारिश का पानी आपके घर के बाहर भर जाता है, तो आप किस विभाग में जाकर शिकायत कर सकते हैं। अगर सिस्टम काम नहीं करता है, तो कैसे कानूनी मदद पा सकते हैं।
आपको बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट से लेकर मुंबई हाई कोर्ट तक ने साफ कर दिया है कि जल निकासी का इंतजाम सरकार की बुनियादी सेवाओं में आता है और अगर इसमें लापरवाही होती है, तो नागरिकों को कानूनी रूप से मुआवजा पाने का अधिकार है।
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अगर बरसात के मौसम में सड़क पर या घर के बाहर जलभराव हो जाता है, तो इसकी जिम्मेदारी आपके इलाके की नगर पालिका और PWD की होती है। ये विभाग शहर की सड़कों, नालियों और बारिश के पानी की निकासी के सिस्टम को बनाए रखने का काम करते हैं।
आपको बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने एक मामले में, जब MCD (नगर निगम) ने नालियों की सफाई नहीं की थी और पानी घरों में घुस रहा था, तो कोर्ट ने पीड़ितों को 9 लाख रुपये का मुआवजा दिलवाया था। इससे साफ होता है कि अगर सरकारी विभाग अपना काम सही से नहीं करते हैं और जलभराव से आम जनता को नुकसान होता है, तो विभाग के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
अगर आपकी गली, मोहल्ले या घर के बाहर बारिश का पानी भर जाता है, तो आपको कानूनी रूप से कार्रवाई करवाने का अधिकार भी है। भारतीय कानून में इसके लिए कुछ खास नियम हैं।
बारिश के पानी की निकासी की जिम्मेदारी नगर पालिका और PWD की होती है, जो सड़कें, नालियां और जल निकासी की व्यवस्था ठीक रखते हैं। कई बार अदालतों ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए अधिकारियों को सजा और जुर्माना तक लगाया है।
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अगर जलभराव से आपके घर या दुकान के सामान को नुकसान पहुंचता है, तो आप इसे 'सेवा में कमी' मानकर मुआवजे की मांग कर सकते हैं।
अगर आपके अपार्टमेंट या सोसाइटी के बाहर बारिश का पानी भर जाता है और निकासी की सही व्यवस्था नहीं है, तो यह बिल्डर की लापरवाही मानी जाती है। इसके लिए आप RERA में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट कई बार कह चुका है कि अगर जलभराव से कोई इलाका रहने लायक नहीं बच पाता है, तो सीधे तौर पर इसे 'जीने के अधिकार' का उल्लंघन माना जाएगा। इसके लिए नागरिक कानूनी कार्यवाही करने के हकदार हैं।
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