हिंदू धर्म में विवाह पंचमी का महत्व बहुत ज्यादा है। हर साल यह तिथि मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन माता सीता का स्वयंवर आयोजित हुआ था और उन्होंने प्रभु श्री राम को वरमाला पहनाकर वर के रूप में उनका चयन किया था। इस तिथि को हिंदू धर्म में श्री राम-सीता के विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाता है और लोग अपने घरों में भी उनके विवाह का आयोजन करते हैं।
इस साल विवाह पंचमी का पर्व 28 नवंबर को मनाईजाएगी। ऐसी मान्यता है कि यदि इस दिनविवाहित जोड़े अपने घर में प्रभु श्री राम और माता सीताके विवाह का आयोजन करके उनका पूजन करते हैं तो उनका वैवाहिक जीवन सुखमय हो जाता है।
यही नहीं इस दिन किए गए कुछ विशेष उपाय जीवन में समृद्धि लाते हैं और कुछ विशेष मन्त्रों का जाप सभी कष्टों का निवारण करता है। आइए ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी से जानें विवाह पंचमी का महत्त्व और इस दिन के लिए कौन से मंत्र जाप शुभ हैं।
विवाह पंचमी का महत्व
ऐसी मान्यता है कि विवाह पंचमी के दिन जो विवाहित जोड़ा प्रभु श्री राम का पूजन माता सीता समेत करता है उसके जीवन में किसी तरह के मनमुटाव नहीं होते हैं। मान्यता यह भी है कि इस दिन अविवाहित लोग भी यदि अच्छे वर की प्राप्ति के लिए विशेष रूप से पूजन करते हैं तो उनको भी जल्द ही अच्छा जीवनसाथी मिलता है।
यदि कोई इस दिन व्रत करने के साथ पूजन करता है तो उसे पूजा का दोगुना फल मिलता है। यदि आप इस दिन राम विवाह का आयोजन विधि पूर्वक घर में करती हैं तो इसका फल भी आपके वैवाहिक जीवन पर पड़ता है और सदैव खुशहाली बनी रहती है।
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रामचरितमानस का करें पाठ
एक और पौराणिक मान्यता के अनुसार रामचरित मानस की रचना भी विवाह पंचमी के दिन की गई थी। इसलिए इस दिन का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसा माना जाता है कि यदि आप इस दिन रामचरित मानस का पाठ घर में करती हैं तो आपके जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है और समृद्धि के मार्ग खुले रहते हैं। जो माताएं इस दिन रामचरित मानस का पाठ करती हैं उनकी संतान को भी सदैव जीवन में सफलता मिलती है।
विवाह पंचमी के दिन करें इन मंत्रों का जाप
इस दिन यदि आप प्रभु श्री राम के विशेष मंत्र 'श्री राम जय राम जय जय राम ' का जाप 108 बार करती हैं तो आपके वैवाहिक जीवन में कभी भी समस्या नहीं आती है।
मनोकामनाओं को पूर्ति के लिए करें इन मंत्रों का जाप
|| श्री रामचन्द्राय नमः ||
|| राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
|| सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने ||
|| नाम पाहरु दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट ||
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विवाह पंचमी के उपाय
इस दिन शादी शुदा जोड़े को लाल या पीले वस्त्र धारण करके प्रभु श्री राम का माता सीता समेत पूजन करना चाहिए। इस दिन पूजन के दौरान राम जी को चंदन का तिलक लगाएं और माता सीता को सिन्दूर लगाएं। विवाहित जोड़े को गठबंधन करके श्री राम-सीता का पूजन करना चाहिए। इससे उनके जीवन में कभी कोई कष्ट नहीं आते हैं और रिश्ता मजबूत होता है।
विवाह पंचमी के दिन यदि आप सत्यनारायण की कथा सुनती हैं तो भी आपका वैवाहिक जीवन खुशहाल बना रहेगा। विवाह पंचमी के दिन किए गए विशेष उपाय आपके जीवन में सामंजस्य बनाए रखने में मदद करेंगे।
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