Dussehra 2022:आखिर क्यों प्रभु राम और सीता जी को माना जाता है आदर्श जीवनसाथी

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि प्रभु राम और सीता जी को क्यों एक आदर्श जीवनसाथी के रूप में माना जाता है।

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रामायण में माता सीता और प्रभु राम ने हमेशा एक दूसरे का साथ दिया और 14 साल के वनवास को पूर्ण करके दोनों वापस अयोध्या आए थे। उस समय से ही भगवान राम और माता सीता को एक आदर्श जीवनसाथी के रूप में माना गया है। आपको बता दें कि भगवान राम और सीता माता का रिश्ता बहुत पवित्र माना गया है।

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों भगवान राम और माता सीता का रिश्ता पवित्र माना जाता है।

1)पद का नहीं था कोई मोह

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आपको बता दें कि माता सीता और प्रभु राम हमेशा से एक दूसरे का साथ देते थे। दोनों के अंदर ही राज्य के किसी पद को लेकर मोह नहीं था। बात करें अगर प्रभु राम की तो उन्होंने हमेशा से अपनी एक की पत्नी यानी सीता माता को अपना जीवनसाथी रखा और कभी भी दूसरी शादी के लिए विचार नहीं किया। वहीं माता सीता ने कभी भी राज्य में पद लेने का मोह नहीं था। इसके साथ ही सीता माता और प्रभु राम कभी भी धन के पीछे आकर्षित नहीं हुए। इस वजह से भगवान राम और माता सीता एक दूसरे के लिए आदर्श जीवनसाथी के रूप में देखे जाते हैं।

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2)हमेशा दिया आदर और सम्मान

आपको बता दें कि भगवान राम ने कभी भी किसी भी परिस्थिति में सीता माता का अपमान नहीं किया था। वह हमेशा से उनके सम्मान और आदर से बात करते थे। आपको बता दें कि भगवान राम माता सीता की सुरक्षा को लेकर हमेशा ध्यान रखते थे।

रामायण के अनुसार वनवास के दौरान भी सीता माता की सुरक्षा के लिए लक्ष्मण को उन्होंने माता सीता के पास रुकने को कहा था। आदर और सम्मान हमेशा से ही पति-पत्नी के जीवन में एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और यह बात खुद भगवान राम और सीता माता ने सिद्ध की थी।

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3)हमेशा दिया एक दूसरे का साथ

प्रभु राम और माता सीता ने हमेशा एक दूसरे का साथ दिया था। रामायण के अनुसार 14 साल के वनवास के दौरान भी माता सीते ने कभी भी भगवान राम का साथ नहीं छोड़ा था। आपको बता दें कि कई सारी ऐसी परिस्थितियां भी उत्पन्न हुई थी जिसमें भगवान राम को दूसरी महिलाओं ने भी अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश की थी लेकिन उन्होंने कभी भी सीता माता का साथ नहीं छोड़ा और हर परिस्थिति में उनका साथ निभाया था।

विश्वास की डोर को सीता माता और भगवान राम ने हमेशा संभाले रखा और आज भी इस वजह से भगवान राम और माता सीता का रिश्ता एक आदर्श पति-पत्नी के रूप में देखा जाता है।

इन सभी कारणों की वजह से प्रभु राम और सीता जी के रिश्ते को बहुत पवित्र रिश्ता माना जाता है और एक दूसरे के लिए आदर्श जीवनसाथी माना जाता है।

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Image Credit: flickr

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