हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का पर्व सुख-समृद्धि और सौभाग्य का कारक माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से तुलसी मां और शालिग्राम की पूजा विधिवत रूप से की जाती है। यह त्योहार प्रबोधनी एकादशी से आरंभ होता है और पूर्णिमा की रात्रि तक चलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी विवाह कराने से दांपत्य जीवन सुखमय रहता है और जीवन में चल रही परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। साथ ही अविवाहित जातकों के शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। अब ऐसे में तुलसी विवाह के दिन क्या करना चाहिए और किन चीजों को करने से बचना चाहिए। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
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