
विवाह पंचमी का पर्व हर साल मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। साल 2025 में यह पावन तिथि 25 नवंबर 2025, मंगलवार के दिन पड़ रही है। यह दिन भगवान श्री राम और माता सीता के विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है, इसलिए यह तिथि वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि और विवाह संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। वहीं, हिन्दू धर्म में शुभ और मांगलिक अवसरों पर तुलसी माता की पूजा का विशेष महत्व होता है। तुलसी को मां लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है और यह भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए किसी भी शुभ कार्य में तुलसी पूजा को शामिल करना बहुत फलदायी माना जाता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि विवाह पंचमी के दिन माता सीता और श्री राम का विवाह किया जाता है और उनकी पूजा का विधान है। माता सीता मां लक्ष्मी का स्वरूप मानी जाती हैं और तुलसी माता को भी लक्ष्मी माता का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में क्या विवाह पंचमी के दिन तुलसी पूजा करना सही है? आइये जानते हैं इस बारे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।
विवाह पंचमी के दिन मुख्य रूप से भगवान राम और माता सीता की पूजा और उनके विवाह का उत्सव मनाया जाता है, लेकिन इस दिन तुलसी की पूजा करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। इसका कारण यह है कि तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय हैं और उन्हें मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। किसी भी मांगलिक या शुभ कार्य से पहले और बाद में तुलसी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

अगर पति-पत्नी के बीच अक्सर मतभेद या झगड़े होते हैं, तो उन्हें विवाह पंचमी के दिन राम-सीता की पूजा के बाद तुलसी के पौधे के पास एक दीपक जलाना चाहिए। इसके बाद, दोनों को मिलकर तुलसी की 11 या 21 बार परिक्रमा करनी चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से दांपत्य जीवन में आ रही खटास दूर होती है और पति-पत्नी का रिश्ता अटूट और मधुर बनता है ठीक वैसे ही जैसे तुलसी और भगवान विष्णु का प्रेम है।
यह भी पढ़ें: Vivah Panchami के दिन करें ये 5 उपाय, वैवाहिक जीवन के क्लेश से लेकर शादी में देरी तक की समस्या होगी दूर
जिन अविवाहित युवक-युवतियों के विवाह में देरी हो रही है उन्हें विवाह पंचमी के दिन भगवान राम और माता सीता के साथ-साथ तुलसी माता की भी पूजा करनी चाहिए। तुलसी माता को मां लक्ष्मी का स्वरूप मानकर उनसे शीघ्र और योग्य जीवनसाथी प्रदान करने की प्रार्थना करनी चाहिए। इसके साथ ही, पूजा के बाद तुलसी को जल अर्पित करें और उनकी मिट्टी को अपने माथे पर तिलक के रूप में लगाएं। इससे विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।

चूंकि विवाह पंचमी का पूरा दिन अत्यंत शुभ और मांगलिक होता है, इसलिए इस दिन तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाकर उसकी आरती करना और भोग लगाना घर के वातावरण को शुद्ध करता है और समस्त दोषों को दूर करता है। तुलसी को घर में पूजने से घर के सदस्यों को आरोग्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
यह भी पढ़ें: 10 हजार अनुष्ठानों के बराबर है सीताराम महायज्ञ, जानें घर में करने की सही विधि और लाभ
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।