
तुलसी विवाह इस साल 2 नवंबर, रविवार के दिन मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में तुलसी विवाह एक अत्यंत पवित्र और शुभ पर्व है। यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भगवान शालिग्राम और माता तुलसी के विवाह के रूप में मनाया जाता है। इस दिन तुलसी और शालिग्राम का विधि-विधान से विवाह कराने वाले भक्त को कन्यादान के समान पुण्य प्राप्त होता है। यह पर्व विशेष रूप से उन अविवाहित युवक-युवतियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जिनकी शादी में लगातार रुकावटें आ रही हैं या मनचाहा जीवनसाथी नहीं मिल रहा है। इस दिन श्रद्धापूर्वक कुछ विशेष मंत्रों का जाप और उपाय करने से विवाह की बाधाएं दूर होती हैं, गुरु ग्रह मजबूत होता है और जीवन में सुख-सौभाग्य का आगमन होता है। आइये जानते हैं वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से उन मंत्रों के बारे में।
ॐ श्री तुलस्यै नमः।। इस सरल और मूल मंत्र का जाप माता तुलसी के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करता है। इसे जपने से मन शांत होता है, तुलसी माता प्रसन्न होती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह मंत्र दैनिक पूजा में भी बहुत लाभकारी है और तुलसी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप मानते हुए जपने से धन-संपदा में वृद्धि होती है।

ॐ सुभद्राय नमः।। जल चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप करने से तुलसी माता और भगवान विष्णु का आशीर्वाद एक साथ मिलता है। 'सुभद्रा' का अर्थ है शुभता और कल्याण करने वाली। इस मंत्र के जाप से आपके सभी कार्य शुभ होते हैं, जीवन में मंगलकारी घटनाएँ होती हैं और आने वाली हर विपत्ति दूर हो जाती है।
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नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।। यह मंत्र माता तुलसी से पापों को हरने की प्रार्थना करता है। इसे जपने से जाने-अनजाने में किए गए पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है। 'हरिप्रिये' यानी भगवान विष्णु की प्रिय होने के कारण यह मंत्र जपने वाले पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा बनी रहती है।
ॐ तुलस्यै विद्महे विष्णुप्रियायै धीमहि। तन्नो वृन्दा प्रचोदयात्।। यह तुलसी का सबसे शक्तिशाली मंत्र माना जाता है, जो बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि करता है। इसे जपने से एकाग्रता बढ़ती है, जीवन की सभी समस्याओं से निकलने का रास्ता मिलता है और सौभाग्य जागृत होता है। 'वृन्दा' नाम तुलसी का ही है और यह मंत्र शीघ्र विवाह के लिए भी बहुत प्रभावी माना जाता है।

मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते ।। यह मंत्र मुख्य रूप से तुलसी के पत्ते तोड़ने से पहले या पूजा के दौरान जपा जाता है। इसका जाप करके आप तुलसी माता से क्षमा मांगते हैं और बताते हैं कि आप यह पत्ते भगवान नारायण की पूजा के लिए तोड़ रहे हैं। इस मंत्र का नियमित जाप करने से तुलसी का पूरा आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
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महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।। यह एक प्रार्थना मंत्र है जो तुलसी माता को सौभाग्य और स्वास्थ्य देने वाली देवी के रूप में संबोधित करता है। इसे जपने से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है, सभी प्रकार की बीमारियां और कष्ट दूर होते हैं और जीवन के हर क्षेत्र में सौभाग्य की वृद्धि होती है जो विशेषकर विवाह और दांपत्य जीवन के लिए बहुत शुभ है।
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