पैरेंटिंग एक बेहद ही टफ टास्क है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, तो अक्सर पैरेंट्स यह सोचते हैं कि अब उनकी जिम्मेदारी कम होने लगी है, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। बढ़ती उम्र में कई ऐसी बातें होती हैं, जो बच्चा घर से ही सीखता है। माता-पिता द्वारा बताई गई बातें उन्हें बाहरी दुनिया में भी एक अच्छा इंसान बनने में मदद करती हैं। इतना ही नहीं, जब आप बच्चे को कोई बात बताते या समझाते हैं तो आपको यह भी समझना चाहिए कि उसकी उम्र कितनी है।
इसका सीधा अर्थ यह है कि आप बच्चे को सभी बातें एक बार में नहीं बता व सिखा सकते हैं। आपको उनकी उम्र व समझ को ध्यान में रखते हुए ही कुछ बातों को बताना व सिखाना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी बातों के बारे में बता रहे हैं, जो आपको बच्चे को दस साल की उम्र में अवश्य सिखानी चाहिए-
आपने अक्सर पैरेंट्स को यह कहते हुए सुना होगा कि वह लड़की है, तुम्हें उसकी रिसपेक्ट करनी चाहिए। लेकिन वास्तव में आपको उसे यह नहीं समझाना चाहिए, बल्कि उसे यह सिखाना चाहिए कि उसे लड़कियों और लड़कों दोनों का सम्मान करना चाहिए। वे बराबर हैं। कभी भी बच्चे को लिंग के आधार पर दूसरों की रिसपेक्ट करना ना सिखाएं। जिस तरह एक लड़की को सम्मान मिलना चाहिए, ठीक उसी तरह लड़का भी उस सम्मान का अधिकार है। इतना ही नहीं, बचपन से यह लिंग भेद की भावना आगे चलकर उसे परेशान कर सकती है। बड़े होकर अक्सर लड़के अधिक रफ एंड टफ होने का दिखावा करते हैं। इतना ही नहीं, इमोशनल होने या रोने को पुरूषों की भावनाओं की अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि उनकी कमजोरी समझा जाता है। इसलिए बचपन से ही बच्चे को बराबरी का पाठ सिखाएं।
चाहे लड़की हो या लड़का, पैरेंट्स को हर बच्चे को दस साल की उम्र में उनके शरीर का बेसिक ज्ञान अवश्य देना चाहिए। यह एक ऐसी उम्र है, जब बच्चा तेजी से बड़ा होता है। आपको ना केवल उन्हें गुड टच व बैड टच के बारे में बताना चाहिए। बल्कि पर्सनल हाइजीन से जुड़ी कुछ बातें भी उनसे जरूर साझा करनी चाहिए। आप इसके लिए कुछ वीडियोज आदि का सहारा भी ले सकते हैं।(इन बातों का रखें ध्यान, बच्चे नहीं होंगे एनीमिक)
कभी-कभी माता-पिता बच्चे के ग्रेड या मॉर्क्स से काफी नाराज हो जाते हैं जो उनकी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरते। हालांकि, एक अच्छा ग्रेड हमेशा अच्छी नॉलेज होने का साइन नहीं है। आपको अपने बच्चे को सिखाना चाहिए कि नॉलेज ग्रेड से ज्यादा महत्वपूर्ण है। आपको उन्हें बताना चाहिए कि वह हमेशा कुछ नया सीखने की कोशिश करें और अपने ज्ञान को बढ़ाएं। यहां तक कि, अगर उनसे कोई गलती भी हो तो भी उन्हें इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हर गलती उन्हें कुछ नया सिखाती है।
इसे जरूर पढ़ें-बैड बॉडी पॉश्चर के कारण बच्चे को नहीं होगी कोई परेशानी, बस अपनाएं यह टिप्स
इस उम्र तक आते-आते बच्चे अपने ग्रुप में अपनी एक खास जगह बनाना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि दोस्तों के बीच पॉपुलर होना बेहद जरूरी है। इतना ही नहीं, पॉपुलैरिटी हासिल करने के लिए वह कभी-कभी ऐसा काम करने के लिए भी तैयार हो जाते हैं, जो वास्तव में उन्हें पसंद नहीं होता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप उन्हें यह समझाएं कि सिर्फ दूसरों को खुश करने या फिर उनके बीच अपनी जगह बनाने के लिए ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिसकी गवाही उन्हें उनका दिल ना दे। आप इसके लिए कुछ उदाहरण देकर भी उन्हें समझा सकते हैं। (इन संकेतों से जानें अपने जिगर के टुकड़े की मन की बात)
इसे जरूर पढ़ें-अपने बच्चों को हिंदी सिखाने के लिए अपनाएं ये आसान टिप्स
अपने बच्चे का दोस्त बनना कोई आसान बात नहीं है, खासकर अगर उसके अपने दोस्त हों। आपको दस साल की उम्र तक बच्चे को यह अवश्य समझाना चाहिए कि आप उनके दुश्मन नहीं है। वह आप पर भरोसा करके अपनी परेशानी आपके साथ शेयर कर सकते हैं और आपसे मदद मांग सकते हैं। हालांकि, इस दौरान आप उन्हें लॉन्ग लेक्सर्च ना दें। साथ ही बच्चों पर चिल्लाने से बचें। इससे बच्चे अपनी बातें आपके साथ शेयर करने में हिचकिचा सकते हैं। (अपने चंचल और शरारती बच्चा को प्यार से समझाएं)
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit- pixabay
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।