
बढ़ते हुए क्राइम के बीच बच्चों की सेफटी माता पिता के लिए गंभीर सोच का विषय बन चुका है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि बच्चों को सही वक्त और सही तरह से गुड टच और बैड टच के बारे में बताया जाए। हालांकि, यह काम भी आसान नहीं है क्योंकि मासूम बच्चे दुनिया को अपनी तरह से समझते हैं और जिम्मेदारी का उन्हें कोई अहसास नहीं होता है। इसलिए जब बात किसी चीज की ओनशिप लेने की होती है, तो वह डर जाते हैं और घबरा जाते हैं। गुड टच और बैड टच को समझाते वक्त पेरेंट्स को बहुत ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
आपका एक गलत स्टेप बच्चे को प्रभावित कर सकता है। इस विषय में हमारी बातचीत डॉ. चांदनी तुगनैत, एमडी (ए.एम.), साइकोथेरेपिस्ट, लाइफ अल्केमिस्ट, कोच व हीलर, फाउंडर एवं डायरेक्टर, गेटवे ऑफ हीलिंग से ही हुई है। वह कहती हैं, " गुड टच और बैड टच की जानकारी बच्चों को अपने शरीर की इज्जत कैसे करनी है यह समझने और खतरे की पहचान कैसे करें, यह बताने में मदद देती है। "
बहुत से माता-पिता यह सोचकर उलझ जाते हैं कि बच्चों को गुड और बैड टच के बारे में कैसे बताया जाए, मगर सही उम्र, सरल शब्द और सहज तरीका बच्चे को जागरूक और मजबूत बनाता है। डॉक्टर चांदनी कुछ बहुत ही आसान और बेहतरीन तरीके बता रही हैं, जिन्हें अपनाकर पेरेंट्स बच्चों को आसानी से गुड टच और बैड टच की जानकारी दे पाएंगे।
इस विषय की जानकारी देने की शुरुआत पेरेंट्स को 3 से 4 साल की उम्र में आते-आते बच्चों को देनी लगने चाहिए। इस उम्र में बच्चे अपने शरीर को पहचानना शुरू करते हैं और आसान बातें समझ सकते हैं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, बातों को उसी के अनुसार थोड़ा और विस्तार से इन चीजों के बारे में बताया जा सकता है।
बच्चों को धीरे-धीरे यह बताना जरूरी है कि उनका शरीर सिर्फ उनका है। शरीर के कुछ हिस्सों को प्राइवेट पार्ट्स कहा जाता है।इन बातों को उन्हें बहुत सरल भाषा में समझाएं। 3 से 4 साल के बच्चे बहुत ही छोटे होते हैं और उनकी समझ भी ज्यादा नहीं होती है। इसलिए आपको शुरुआत में अपने और उनके एक-एक बॉर्ड पार्ट को टच कर बताना होगा कि किस पार्ट को उन्हें किसी को नहीं टच करने देना है।
सारे बॉडी पार्ट्स के बारे में समझाने के बाद उन्हें बताएं कि कंधे, हाथ, सिर पर यदि कोई घर के बाहर का बंदा हाथ रखता है, तो यह ज्यादा चिंताजनक नहीं है, मगर जिसे आप जानते ही नहीं हैं, उसे कभी भी खुद को टच न करने दें। बच्चों को बताए मम्मी और पापा आपके कौन से बॉडी पार्ट को टच कर सकते हैं । डॉक्टर भी आपके किन बॉडी पार्ट्स को चेक कर सकता है और किन्हें नहीं यह भी उन्हें बताना जरूरी है। बच्चों को यह बताएं कि, किसी के छूने से उन्हें डर या अजीब लगे तो तुरंत ही उसकी आलोचना करें।

बच्चों को No कहना सिखाएं। यदि उन्हें कुछ पसंद नहीं या कोई उन्हें टच कर रहा हो और वह नहीं पसंद कर रहे हैं, तो तुरंत ही उसे गुस्से से No कह दे। उन्हें बताएं कि अगर कोई भी उन्हें गलत तरीके से छुए, तो वे वहां से हट सकते हैं और तुरंत किसी भरोसेमंद बड़े को बता सकते हैं। बच्चों को समझाएं कि गलत लोग अकसर उन्हें चुप रहने को कहेंगे, मगर आपको चुप नहीं रहना है। इसलिए बच्चे को भरोसा दिलाना जरूरी है कि वह जो भी माता-पिता को बताएगा, उस पर यकीन किया जाएगा।
बच्चों को किसी भी बात से डराए बिना, छोटी कहानियों, खिलौनों या रोल-प्ले के जरिये गुड और बैड टच के बारे में सीख दी जा सकती है। इससे बच्चे सही और गलत स्पर्श को आसानी से पहचानना सीखते हैं। मगर इस दौरान आपको ध्यान रखना है कि बच्चे आपकी बातों को सीरियस लें। यदि वह किसी बात को दुबारा बताना चाहे, तो उन्हें रोकें नहीं। माता-पिता का भरोसा ही बच्चों की सबसे बड़ी सुरक्षा है।

गुड टच और बैड टच की जानकारी बच्चे को खुद की सुरक्षा कैसे करनी है, इसका पहला पाठ सिखाती है। इसे जितनी जल्दी और सरलता से सिखाया जाए, बच्चा उतना ही जागरूक और आत्मविश्वासी बनता है। यह जानकारी आपको पसंद आई हो तो इसे शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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