होलाष्टक हिंदू पंचांग के अनुसार होली से आठ दिन पहले शुरू होता है और इसे अशुभ समय माना जाता है। यह अवधि फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक रहती है। ऐसी मान्यता है कि इन दिनों में कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए। खासतौर पर अगर आपकी अभी-अभी शादी हुई है, तो आपको और भी सर्तक रहने की जरूरत है। इस विषय में हमारी बातचीत पंडित सौरभ त्रिपाठी से हुई है। वह कहते हैं, "यह समय नकारात्मक शक्तियों के ऊर्जावान होने का होता है। होलिका दहन के साथ यह सभी नष्ट हो जाती हैं। ऐसे में नवविवाहित जोड़ों को थोड़ा संभल कर रहना चाहिए। खासतौर पर आप दुल्हन के लिए कुछ एतिहात बरतना बहुत जरूरी है।" नवविवाहित जोड़ों को इस दौरान कौन-कौन से कार्य करने से बचना चाहिए, आइए पंडित जी से विस्तार से जानते हैं।
होलाष्टक का महत्व
होलाष्टक का संबंध पौराणिक कथाओं से है। ऐसी मान्यता है कि इस समय में दैत्यों को शक्ति बहुत ही ज्यादा प्रभावशील होती हैं। इन दिनों में विष्णु भक्त प्रह्लाद को उनके पिता हिरण्यकश्यप ने अनेक प्रकार की यातनाएं दी थीं। इसी कारण इस समय को अशुभ समय माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य करने पर वह फलता फूलता नहीं है।
गृह प्रवेश न करें
यदि आपकी हाल ही में शादी हुई है और आप नए घर में शिफ्ट करने की योजना बना रहे हैं, तो होलाष्टक के दौरान गृह प्रवेश न करें। इस समय गृह प्रवेश करने से दांपत्य जीवन में परेशानियां आ सकती हैं।
मांगलिक कार्यों से बचें
होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य से बचें। अगर आपकी शादी कुछ वक्त पहले ही हुई है, तो आपको उससे जुड़ा कोई भी कार्य इस दौरान नहीं करना चाहिए। जैसे आप को पगफेरों के लिए नहीं जाना चाहिए। अगर आप घर पर शादी के बाद कोई पूजा या आयोजन करने जा रही हैं, तो वह भी आपको नहीं करनी चाहिए।
धार्मिक अनुष्ठानों से बचें
नवविवाहित जोड़ों को होलाष्टक के दौरान कोई भी धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ, हवन आदि करने से बचना चाहिए। इस समय देवी-देवताओं की आराधना के बजाय सिर्फ भजन-कीर्तन और ध्यान करना उचित माना जाता है।
नए आभूषण या कीमती वस्तुएं न खरीदें
यदि आप शादी के बाद सोना, चांदी, हीरे या कोई अन्य कीमती वस्तु खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो होलाष्टक खत्म होने तक इंतजार करें। इस दौरान खरीदी गई चीजों से नकारात्मक ऊर्जा जुड़ सकती है।
यात्रा करने से बचें
होलाष्टक के दौरान लंबी यात्राओं से बचने की सलाह दी जाती है। नवविवाहित जोड़ों को इस दौरान हनीमून पर जानें या फिर किसी तीर्थ यात्रा पर भी जाने से बचना चाहिए। हो सके तो नई दुल्हन को इस दौरान घर से कम से कम बाहर निकलना चाहिए और चौराहा लांघने से बचना चाहिए।
होलाष्टक के दौरान नवविवाहित जोड़ों को विशेष रूप से सावधानी बरतनी चाहिए। यह समय नए जीवन की शुरुआत के लिए उचित नहीं माना जाता। यदि आप इन वर्जित कार्यों से बचते हैं, तो आपके दांपत्य जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी और कोई भी नकारात्मक प्रभाव आपके रिश्ते को प्रभावित नहीं करेगा।
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Image Credit- Shutterstock, Freepik, Pixabay, pexels
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