How do people avoid loneliness| अकेलापन लोगों को अंदर से कमजोर कर सकता है। कहते हैं अगर जिंदगी में कुछ ना बचे और फिर भी उम्मीद हो, तो लोग आराम से जी जाते हैं, लेकिन अगर किसी के पास होने की उम्मीद ही ना हो, तो यह जिंदगी बहुत दुखदाई हो जाती है। अगर बात करें अकेलेपन की, तो जरूरी नहीं कि ये तभी आए जब आपके आस-पास कोई ना हो। एंग्जायटी, डिप्रेशन, अकेलापन सब कुछ लोगों से घिरे होने के बाद भी आ सकता है।
हमने फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट की सीनियर चाइल्ड और क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और हैप्पीनेस स्टूडियो की फाउंडर डॉक्टर भावना बर्मी से बात की। अकेलेपन को लेकर डॉक्टर भावना का मानना है कि यह लाइफ के किसी भी पड़ाव पर आ सकता है और इसके लिए आपको किसी एक व्यक्ति के भरोसे रहने की भी जरूरत नहीं है।
उन्होंने ऐसे 10 तरीके बताए जो अकेलेपन से लड़ने में आपकी मदद कर सकते हैं।
नई रिलेशनशिप बनाएं
यहां सिर्फ प्यार, इश्क, मोहब्बत की बात नहीं हो रही है, बल्कि ऐसे रिश्तों की बात हो रही है जिन पर आप निर्भर कर सकें। जो आपको किसी से जुड़ाव महसूस करना है और ऐसे स्तर पर उसके साथ रहना है कि आपको अकेलेपन का साथी मिल सके। ऐसे किसी भी इंसान से रेगुलर बातें करना बहुत जरूरी है जिससे आपके अंदर सही फीलिंग्स डेवलप हो सकें। ऐसे कम्युनिकेशन को बढ़ाने से आपको खुद पर ट्रस्ट बढ़ता है।
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सोशल इवेंट्स पर ध्यान दें
क्लब, क्लास, ग्रुप आदि में जाने का मन ना करे फिर भी आप वहां जाएं। ऐसा ना सोचें कि इससे क्या होगा। अगर अकेलेपन के कारण एंग्जायटी हो रही है, तो यही चीजें आपके लिए मददगार साबित होंगी। ऐसे एक्सपीरियंस कई बार नई रिलेशनशिप की शुरुआत करने में मदद कर सकते हैं। आप एक साथ कई लोगों के साथ मेलजोल बढ़ा सकते हैं।
खुद को जज ना करें
आपको हमेशा सेल्फ अवेयर रहना जरूरी नहीं है। खुद पर थोड़ी सी दया करें और यह समझें कि गलतियां इंसान से ही होती है। खुद को अगर आप किसी गलती के लिए सजा देते रहेंगे, तो अकेलेपन का अहसास बहुत ज्यादा होगा। आपको अपने इमोशन्स को एक्सेप्ट करना होगा और जजमेंट को खत्म करना होगा। अपना सपोर्ट भी अगर आप खुद को नहीं देंगे, तो दिक्कत ज्यादा बढ़ेगी।
मेडिटेशन और योग
अकेलेपन से लड़ने में आपकी मदद योग और ध्यान कर सकता है। इससे आपको अपनी भावनाओं को समझने में मदद मिलेगी। अगर आप खुद ध्यान नहीं लगा पा रहे हैं, तो किसी रिट्रीट या फिर किसी कैम्प में जाकर लोगों की मदद लें। इससे नेगेटिव इमोशन्स को कंट्रोल करने में बहुत मदद मिलती है। इतना ही नहीं इससे स्ट्रेस भी कम होता है। यह आपके शरीर में पॉजिटिव हार्मोन्स लाने में मदद करेगा।
फिजिकल एक्सरसाइज
किसी भी तरह के स्ट्रेस को कम करने के लिए फिजिकल एक्सरसाइज बेहतर हो सकती है। एक्सरसाइज के मानसिक और शारीरिक दोनों तरह के फायदे होते हैं। अगर आप एक्सरसाइज करते हैं, तो शरीर में एंडोर्फिंस रिलीज होते हैं जिससे मूड बेहतर होता है। हो सकता है कि डिप्रेशन की कगार पर आपको अकेले एक्सरसाइज करने का मन ना करे। ऐसे में आप ग्रुप एक्टिविटीज का सहारा लें। (डिप्रेशन का है डर, तो ना करें ये काम)
प्रोफेशनल असिस्टेंस करेगी मदद
अगर अकेलापन बहुत ज्यादा लगता है और किसी भी तरह से आप अपने विचारों को कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं, तो किसी मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल से मदद लेना जरूरी है। अकेलापन बहुत गंभीर समस्या पैदा कर सकता है और इसलिए आपके लिए थेरेपी सेशन, स्ट्रैटजी या कई मामलों में दवा भी जरूरी हो जाती है। एक थेरेपिस्ट यह बता सकता है कि आपको अकेलापन आखिर हो क्यों रहा है।
कई तरह की हॉबी बनाएं
हो सकता है कि अकेलापन सिर्फ इसलिए लग रहा हो क्योंकि आपका दिमाग खाली है। ऐसे समय में कुछ नई आदतें आपकी जिंदगी को थोड़ा बेहतर बनाने में आपकी मदद कर सकती हैं। कोशिश करें कि शुरुआत में आप ऐसी आदतें बनाएं जिसमें सोशल तौर पर लोगों के साथ रहना जरूरी हो। ऐसे में आप उन लोगों से मिल सकते हैं जिनकी आदतें आपसे मिलती जुलती हैं और जो आपके साथ एक हेल्दी बॉन्ड बना सकते हैं।
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आभार व्यक्त करना ना भूलें
यहां किसी दूसरे को आभार व्यक्त करने की बात नहीं हो रही, बल्कि यहां तो आपको खुद को आभार व्यक्त करना चाहिए। आप इसके लिए कोई डायरी भी मेंटेन कर सकती हैं जिससे आपको लगे कि आप बेहतर हैं। इससे आपको अपनी जिंदगी में होने वाली अच्छी चीजों को देखने का मौका मिलेगा। आप खुद पॉजिटिव रहेंगे और इससे आपकी सेहत पर भी असर पड़ेगा।
कोई रूटीन जरूर बनाएं
जिंदगी को सही ट्रैक पर लाने के लिए सही ट्रैक का होना भी बहुत जरूरी है। ऐसे कई सोशल इंटरेक्शन होते हैं जिन्हें डेली रूटीन का हिस्सा बनाया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर मॉर्निंग वॉक को ही ले लीजिए। आप पार्क में रोजाना जाएं, तो आपको कई लोगों का साथ मिल सकता है। इससे अकेलापन कम हो सकता है।
अपनी क्रिएटिविटी का ध्यान रखें
आप खुद बहुत क्रिएटिव हो सकते हैं और अकेलेपन से परेशान होने की जगह अपनी क्रिएटिविटी को आगे बढ़ने दें। इससे आपके दिमाग में हमेशा पॉजिटिव थॉट्स आती रहेंगी।
अकेलेपन से उबरने में कोई इंसान आपकी मदद कर सकता है, लेकिन ये यात्रा आपकी ही है। अलग-अलग स्ट्रैटजी इसको लेकर काम कर सकती है। जरूरी है कि आप थोड़ा धैर्य रखें और आगे बढ़ने की कोशिश करें।
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